Makar Sankranti 2021: साल के पहले बड़े पर्व मकर संक्रांति के दिन बिहार का सियासी माहौल (Bihar Politics) बदला-बदला नजर आया. दो दशक से भी ज्यादा समय बाद ऐसा मौका है जब दही-चूड़ा भोज सियासी सुर्खियों से नदारद है.

बिहार की राजनीति में मकर संक्रांति के दौरान चूड़ा दही का भोज देने की परंपरा वर्षों पुरानी है. मकर संक्रांति के मौके पर यहां प्रतिवर्ष सियासी दही-चूड़ा भोज का आयोजन होता है.

इससे कई दलों में मिठास घुलती है तो कई दलों में आलू-दम के स्वाद से तीखापन भी तय कर जाता है. कोरोना संकट (Corona Crisis) के कारण तिलकुट और दही-चूड़ा (Chura Dahi) के बहाने नेताओं के घर हजारों लोगों की भीड़ इस बार नहीं दिखी. दही-चूड़ा भोज के बहाने सियासी खिचड़ी भी खूब पकती थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.

सत्ता या विपक्ष दोनों में किसी भी दलों ने दही-चूड़ा भोज का आयोजन नहीं किया. ये अलग बात है कि व्यक्तिगत तौर पर कई नेताओं ने दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया. इस आयोजन का दायरा बड़ा होता लेकिन पटना में हुए इंडिगो अधिकारी हत्याकांड से माहौल थोड़ा अलग हो गया.

राबड़ी आवास पर छाया सन्नाटा

पटना सहित पूरे बिहार में जगह-जगह मकर सक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. लेकिन राबड़ी आवास पर सूना पड़ा है. जबकि लालू की उपस्थिति में यहां हर साल बड़ा आयोजन होता रहा है. लेकिन यह लगातार चौथा साल है जब मकर संक्रांति के मौके पर यहां सन्नाटा है और सुरक्षाकर्मियों के अलावा शायद ही कोई नजर आ रहा है. इस बीच लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव राबड़ी देवी से मिलने पहुंचे और मकर संक्रांति के मौके पर उनका आशीर्वाद लिया.

लालू यादव ने शुरू की थी परंपरा

बता दें कि बिहार में सियासी दही-चूड़ा भोज की शुरुआत हैं तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 1994-95 में की थी. उन्होंने आम लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए दही-चूड़ा भोज का आयोजन शुरू किया था. इसकी खूब चर्चा हुई और इसके बाद के वर्षों में सभी राजनीतिक दलों ने इसे अपनाया. चारा घोटाले में लालू यादव जेल गए तब से राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर कोई भी बड़ा आयोजन नहीं हुआ है.

इन नेताओं के घर हुआ दही-चूड़ा भोज

खबर है कि जदयू नेता पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह के आवास पर भोज का आयोजन किया गया. इसमें राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी, मंत्री विजय कुमार चौधरी, विधायक अरूण सिन्हा, पूर्व मंत्री संजय झा समेत कई बड़े नेता शामिल हुए. कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अवधेश सिंह अपने आवास पर चूड़ा-दही का आज भोज दे रहे हैं. कई कांग्रेसी नेता इसमें शामिल हुए. यहां पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि पार्टी इस बार करोना की वजह से बड़े पैमाने पर भोज का आयोजन नहीं हुआ.

इनपुट : प्रभात खबर (उत्पल कांत )

2 thoughts on “Makar Sankranti 2021: बिहार मे टूटी वर्षो पुरानी परंपरा, मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा भोज मे नहीं घुली सियासी मिठास”
  1. Afin de dissiper complètement vos doutes, vous pouvez savoir si votre mari vous trompe dans la vraie vie de plusieurs manières et évaluer les preuves spécifiques dont vous disposez avant de soupçonner que l’autre personne vous trompe.

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