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राजद के मोकामा विधायक अनंत सिंह एके-47 बरामदगी मामले में दोषी करार दे दिये गये. अब आरजेडी विधायक की मुश्किलें और अधिक बढ़ने वाली है. संवैधानिक प्रावधानों के तहत यदि अनंत सिंह को दो साल से अधिक की सजा सुनायी जाती है तो उन्हें बिहार विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा.

संवैधानिक प्रावधान क्या कहता है?

संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक किसी भी मामले में किसी सदन के सदस्य को यदि दो साल से अधिक की सजा होती है तो उनकी सदस्यता समाप्त हो जायेगी. पंद्रहवी विधानसभा में इस तरह का एक उदाहरण भी है.

भाजपा विधायक का उदाहरण

2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में सीतामढ़ी जिले के परिहार विधानसभा सीट पर भाजपा के रामनरेश प्रसाद यादव ने जीत हासिल की थी. लेकिन, 2015 के मार्च महीने में सीतामढ़ी की एक अदालत ने उन्हें एक आपराधिक मामले में सजा दी थी. इसके बाद यादव को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा था.

राजद के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन का भी यही हाल

बाद में रामनरेश प्रसाद यादव की पत्नी गायत्री देवी परिहार से विधायक चुनी गयीं. इसके पहले राजद के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन को भी सजा करार दिये जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था.

अनंत सिंह दोषी करार

बाढ़ के नदावां स्थित पैतृक घर से 16 अगस्त 2019 को एके 47 राइफल, हैंडग्रेनेड व कारतूस बरामदगी के मामले में मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट के जज ने राजद विधायक अनंत सिंह व केयर टेकर सुनील राम को दोषी करार दिया है.

21 जून को सजा का एलान

कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 21 जून की तारीख सुनिश्चित की है. उक्त मामला बाढ़ थाना कांड संख्या 389/19 का है. अनंत सिंह पटना के बेऊर जेल में 34 माह से बंद हैं. मंगलवार को दोषी करार होने के समय अनंत सिंह कोर्ट में ही मौजूद थे.

इनपुट : प्रभात खबर

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