Sawan 2023 Lord Shiva Puja Vidhi and Muhurat: भगवान शिव को समर्पित सावन मास 4 जुलाई 2023, मंगलवार से प्रारंभ हो रहे हैं। इस साल मलमास होने के कारण सावन का महीना 59 दिनों का होगा, जिसमें कुल 8 सोमवार व्रत रखे जाएंगे। हिंदू धर्म में सावन के पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक का विशेष महत्व है। भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। मान्यता है कि सावन में भगवान शिव का जलाभिषेक करने से मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सावन के पहले दिन कई शुभ संयोग बनने से इस दिन का महत्व बढ़ रहा है। जानें सावन के पहले दिन बनने वाले शुभ योग, शिव पूजन मुहूर्त व पूजा विधि-
सावन के पहले दिन बन रहे इंद्र व त्रिपुष्कर योग-
सावन के पहले दिन इंद्र योग सुबह 11 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। जबकि त्रिपुष्कर योग दोपहर 01 बजकर 38 मिनट से 05 जुलाई को सुबह 05 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों योगों को अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य फलदायी होते हैं।
सावन के पहले दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:07 ए एम से 04:48 ए एम।
प्रातः सन्ध्या- 04:27 ए एम से 05:28 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:58 ए एम से 12:53 पी एम।
विजय मुहूर्त- 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:22 पी एम से 07:42 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 07:23 पी एम से 08:24 पी एम
अमृत काल- 12:00 पी एम से 01:24 ए एम, जुलाई 05
निशिता मुहूर्त- 12:05 ए एम, जुलाई 05 से 12:46 ए एम, जुलाई 05
त्रिपुष्कर योग- 01:38 पी एम से 05:28 ए एम, जुलाई 05
शिवशंकर व्रत पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।
भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।
Input : live hindustan