भगवान शिव को सावन का महीना सबसे प्रिय है. ऐसे मान्यता है कि इस मास में भगवान केवल जल अर्पण करने से ही वर्ष भर सेवा का पुण्य प्राप्त हो जाता है. बड़ी संख्या में भक्त पूरे सावन अपने नजदीक शिवालयों में हर रोज शिव को जल अर्पित करते हैं. मगर, आपको जानकर हैरानी होगी कि बिहार के मुजफ्फरपुर में भगवान शिव का एक ऐसा धाम है जहां वर्षभर पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है. मगर, सावन के महीने में भी पूजा नहीं होती. बाबा धनेश्वर को लेकर स्थानीय लोगों में अलग-अलग मान्यता है.
बागमती नहीं के किनारे है शिव मंदिर
भगवान शिव का ये अद्भुत मंदिर मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के धनोरा गांव में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में पूरे सावन केवल बागमती नदी बाबा का जलाभिषेक करती है. इसलिए सावन और भादो के महीने में ये मंदिर नदी के पानी के अंदर चला जाता है. ऐसे में सामान्य भक्त इस मंदिर में भगवान की पूजा नहीं कर पाते हैं. हालांकि, कुछ लोगों को मानना है कि मंदिर में बाढ़ का पानी आना सामान्य बात है. क्योंकि मंदिर बागमती के अहाते में स्थित है. बाढ़ का पानी उतरने के बाद भक्त पूरी श्रद्धा से मंदिर की साफ-सफाई करते हैं. इसके बाद पूजा फिर से शुरू होती है.
शिवलिंग के ऊपर आठ फीट तक रहता है पानी
मंदिर की देखभाल करने वाले दानी बाबा बताते हैं कि मंदिर में शिवलिंग के ऊपर करीब आठ फीट तक पानी आ जाता है. ऐसे में मंदिर की देखरेख के लिए मैंने एक नाव रखी है. कई बार ग्रामीणों ने चाहा कि मंदिर से बाबा को निकाल कर किसी ऊंचे स्थान पर स्थापित कर दिया जाए जिससे कि पुजा निर्बाध रूप से हो लेकिन इसमें असफल रहे. कई लोगों ने कई दिनों तक कोशिश की, मगर बाबा हिले ही नहीं. थककर लोगों ने छोड़ दिया. बागमती का पानी आने के बाद भक्तों की पूजा रोक दी जाती है. ग्रामीण इसे भी बाबा का चमत्कार ही मानते हैं.
इनपुट : प्रभात खबर
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