गरीब राज्य…गरीब राज्य…सुनते-सुनते थक गए हों तो अब बिहार की अमीरी जानिए। बिहार के नगर निकायों के मुख्य पार्षदों की औसत संपत्ति 3.10 करोड़ है। नगर निकाय चुनाव 2022 में विजयी 223 मुख्य पार्षदों में से 214 के शपथ पत्र यह बता रहे हैं।

बाकी नौ के शपथ पत्र अस्पष्ट होने के कारण पढ़े गए होते तो यह आंकड़ा बदल भी सकता था। इतना ही नहीं, बिहार के नगर निकायों में चुने गए मुख्य पार्षदों में से 214 का विश्लेषण हुआ तो 40 ने खुद पर क्रिमिनल केस बताए हैं। 27 पर तो गंभीर आपराधिक मुकदमे हैं। दो पर धारा 302 के तहत हत्या का केस है तो छह विजेताओं ने खुद पर धारा 307, यानी हत्या के प्रयास का केस बताया है। विजेताओं में दो ऐसे भी हैं, जिनपर महिला की लज्जा भंग करने के आशय से हमला या आपराधिक बल प्रयोग की धारा 354 का भी केस बताया है।

ADR और बिहार इलेक्शन वॉच भी नहीं पढ़ सका शपथपत्र
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच ने बिहार नगर निकाय चुनाव 2022 में चुने गए 223 में से 214 मुख्य पार्षद विजेता उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। इनमें 9 मुख्य पार्षद विजेता उम्मीदवारों के शपथ पत्रों को अस्पष्टता के कारण विश्लेषण से बाहर रखा गया। अस्पष्ट शपथ पत्रों के कारण विश्लेषण नहीं किया जा सका- दरभंगा सदर नगर पंचायत भरवाड़ा के सुनील कुमार भारती, नालंदा जिले के राजगीर नगर पंचायत पावापुरी से विजयी रविशंकर, पटना के दानापुर नगर परिषद निजामत से विजयी शिल्पी कुमारी, पूर्णिया के धमदाहा नगर पंचायत रुपौली के निरंजन मंडल, भोजपुर के जगदीशपुर नगर पंचायत बिहिया से विजयी सचिन कुमार गुप्ता, मुजफ्फरपुर पूर्वी नगर पंचायत मुरौल के विजेता राम नरेश प्रसाद मेहता, मुजफ्फरपुर पूर्वी नगर पंचायत मीनापुर से विजयी पूनम देवी, जय नगर नगर पंचायत मधुबनी के विजेता कैलाश पासवान और सीतामढ़ी सदर नगर निगम से रौनक जहां परवेज।

तीन लक्ष्मी मुख्य पार्षदों के पास 1.74 अरब
214 विजेता मुख्य पार्षदों में 97, यानी 45% अपने ही घोषणापत्र के हिसाब से करोड़पति हैं। विजेताओं के विश्लेषण में यह भी सामने आया कि मुख्य पार्षदों की औसत संपत्ति 3.10 करोड़ है। अधिकतम संपत्ति वाले मुख्य पार्षदों में तीनों लक्ष्मीजी, यानी महिलाएं हैं। कटिहार नगर निगम की उषा देवी अग्रवाल 93 करोड़ से ज्यादा कुल संपत्ति के साथ एक नंबर पर हैं। मुजफ्फरपुर पश्चिमी नगर पंचायत सरैया की कुमारी अर्चना 41 करोड़ के साथ दूसरे नंबर पर हैं।पश्चिम चंपारण के बेतिया नगर निगम के मुख्य पार्षद गरिमा देवी सिकारिया इस मामले में तीसरे नंबर पर हैं। उनके पास 40 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। उसके बाद भागलपुर नगर निगम के बसुंधरा लाल (30 करोड़+), सुपौल के पिपरा नगर पंचायत के मनोज कुमार सिंह (19 करोड़+), सीवान के महाराजगंज नगर पंचायत की सारदा देवी (17 करोड़+), भभुआ नगर परिषद् के विकास कुमार तिवारी (17 करोड़+), भागलपुर के नगर पंचायत नौगछिया की प्रीति कुमारी (15 करोड़+), सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद् की फशहिना खातून (14 करोड़+), छपरा नगर निगम की राखी गुप्ता (13 करोड़+) का नंबर है।

सबसे कम धन इन तीन मुख्य पार्षदों के पास
सबसे कम संपत्ति वाले तीन मुख्य पार्षद गया, शेखपुरा और नालंदा से हैं।गया सदर नगर पंचायत वजीरगंज के मुख्य पार्षद बलदेव दास के पास सबसे कम कुल संपत्ति 51 हजार रुपये, शेखपुरा नगर पंचायत शेखोपुर सराय के मुख्य पार्षद रोहित मांझी के पास 1.3 लाख रुपये हैं। नालंदा के राजगीर नगर पंचायत की मुख्य पार्षद आलो धनी देवी के पास 1.38 लाख रुपये हैं।

इनपुट : अमर उजाला

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