मुजफ्फरपुर, तापमान में अचानक हुई वृद्धि के बाद तपिश वाली इस भीषण गर्मी में जहां शहरी क्षेत्र का भू-जल स्तर औसतन 35-37 फीट के नीचे चला गया है. लोग पानी के लिए परेशान हैं. दूसरी तरफ, डिब्बा बंद पानी का जो कारोबार है, उसमें तेजी से वृद्धि होने लगी है. प्रतिदिन 40-50 हजार डिब्बाबंद पानी की सप्लाई घरों से लेकर दुकानों तक में हो रही है. इससे 10 से 12 लाख रुपये का कारोबार रोजाना हो रहा है. हालांकि, पानी की शुद्धता की कोई गारंटी नहीं रहती है.

महज 23 कारोबारी के पास लाइसेंस

शहरी क्षेत्र में जितने भी डिब्बाबंद पानी का कारोबार कर रहे हैं, उनके पास मानक के अनुरूप पानी की सप्लाई की जा रही है या नहीं. इसका कोई प्रमाण पत्र नहीं है. सबसे आश्चर्य की बात है कि नगर निगम भी मानक की जांच-पड़ताल किये बगैर धड़ल्ले से अनुमति दे रहा है. जबकि, स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस लेने के बाद ही निगम को अनुमति देना चाहिए. बता दें कि नगर निगम से महज 23 कारोबारी ही वार्षिक व लाइसेंस शुल्क जमा कर अनुमति लिये हुए है. जबकि, शहरी क्षेत्र में दो सौ से अधिक कारोबारी है, जो अपने घरों में ही चोरी-चुपके पानी का प्लांट लगा कारोबार कर रहे हैं.

जंक्शन पर प्रतिदिन 12 हजार लीटर पानी की खपत

जंक्शन पर प्रतिदिन 12 हजार लीटर पानी की खपत -पूर्व में सात से 800 लीटर प्रतिदिन आता था जंक्शन पर पानी -आय दिन पानी के शॉर्टेज की हो रही है समस्या संवाददाता,मुजफ्फरपुर गर्मी चरम पर है. कंठ सूख रहा. लोग बेहाल है. यात्रियों को प्यास लग रही. पानी की डिमांड अचानक बढ़ गयी है. जंक्शन पर एक माह पूर्व करीब सात से 800 कार्टन पानी आता था. वह अब एक हजार से अधिक हो गया है.

रोजाना 12000 हजार लीटर बोतल बंद पानी की खपत

प्रति कार्टन में 12 रेल नीर की बोतलें होती है. ऐसे में रोजाना 12000 हजार लीटर बोतल बंद पानी की खपत है. इसके अलावा अन्य बोतल बंद पानी को बेचा जाता है. हालांकि आय दिन रेल नीर के शॉट की बात आती है, तो दूसरे ब्रांड डाभ भी यात्रियों को दिया जाता है. ऐसे में प्रति बोतल यात्रियों से 15 रुपया लिया जाता है. जंक्शन के अलावा रेल नीर की सप्लाई ट्रेनों में भी होती है.

वाटर वेंडिंग मशीन भी सालों से बंद

पानी आईआरसीटीसी की ओर से पटना स्थित प्लांट से आता है. बड़ी संख्या से रोजाना जंक्शन से खुलने वाली ट्रेन में पानी की सप्लाई हो रही है. बोतलबंद पानी लेना यात्रियों को काफी महंगा साबित हो रहा है. गर्मी में प्यास बुझाने के लिए जब वह प्याऊ के पास जाते है तो वहां गर्म पानी आता है. वहीं वाटर वेंडिंग मशीन भी सालों से बंद चली आ रही है. ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानी होती है. रेल अधिकारियों ने कहा कि पानी की आपूर्ति की जा रही है. गर्मी अधिक होने से डिमांड भी बढ़ती है.

इनपुट : प्रभात खबर

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