बिहार में हो रही ऐसी सब्जी की खेती, जिसकी कीमत किसी को भी चौंका दे। 80 हजार से एक लाख रुपये किलो तक। इंटरनेट मीडिया से लेकर विभिन्न समाचार माध्यमों पर यह खबर इन दिनों चर्चा में है, लेकिन सच कुछ और निकला। दैनिक जागरण (Dainik Jagran) ने जब जमीनी पड़ताल की तो न तो ऐसा कोई खेत मिला, न ही ऐसी सब्जी। हम बात कर रहे हैं औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रखंड के करमडीह गांव के एक युवक अमरेश सिंह (Farmer Amresh Singh) द्वारा विश्‍व की सबसे महंगी सब्‍जी हॉप शूट्स (Hop Shoots) की कथित खेती की।

अमरेश का दावा: बीमार रहने के कारण सूख गई फसल

अमरेश ने अब यह दावा किया है कि उसने ट्रायल के तौर पर खेती शुरू की, पर बीमार पड़ जाने के कारण उनके पार्टनर देखरेख नहीं कर सके। इस वजह से फसल सूख गई। अब फिर से खेती करेंगे। वहीं, विभिन्‍न समाचार माध्‍यमों में यह दावा किया जा रहा है कि खेती 60 फीसद तक सफल रही थी। हां, यह जरूर है कि उसने काले चावल और काले गेहूं उगाए थे, जिसकी खेती बिहार में कई जगहों पर की जा रही है। पर, हॉप शूट्स तो कहीं नजर नहीं आया।

ग्रामीणों का खेती से इनकार, कृषि विभाग करेगा जांच

बहरहाल, इस खबर ने कृषि विभाग को चौंकाया। पदाधिकारी इसे देखने जब गांव पहुंचे तो वहां ऐसी कोई खेती नहीं की जा रही थी। स्थानीय लोगों ने भी इस संबंध में अनभिज्ञता जाहिर की। सहायक उद्यान निदेशक जितेंद्र कुमार ने बताया कि जब उन्होंने पड़ताल की तो पता चला कि ऐसी कोई खेती औरंगाबाद में नहीं की गई है। जब अमरेश से मोबाइल पर खेती करने की जगह पूछी गई तो उसने नालंदा जिले में खेती की बात बताई, लेकिन जगह के बारे में नहीं बताया। नालंदा जिले में भी पता किया गया, पर ऐसी कोई खेती नहीं की गई है। उद्यान निदेशक जितेंद्र कुमार ने बताया कि अमरेश के दावे की उच्चस्तरीय जांच की जा रही है। अगर फेक फॉर्मिंग का मामला सही पाया गया तो कार्रवाई भी की जाएगी। जिला कृषि कार्यालय के अधिकारी इस पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।

वाराणसी में तैयार नहीं हुआ बीज, यहां कोई डॉ. लाल भी नहीं

दैनिक जागरण ने जब अमरेश से संपर्क किया तो उसने खुद के बीमार होने की बात कही। बताया कि उसका इलाज दिल्ली में चल रहा है। उसने यह भी बताया कि वह उत्‍तर प्रदेश के गाेंडा में 20 एकड़ जमीन लीज पर ली है, जिसमें पांच कट्ठे में हॉप शूट्स की खेती कर रहा है। उसने यह भी बताया था कि इस खेती के लिए वाराणसी में डॉ. लाल से प्रशिक्षण लिया है। लेकिन इस संबंध में जब भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र, वाराणसी के निदेशक डॉ. जगदीश सिंह बात की गई, तो उन्‍होंने पूरी खबर को फर्जी बताते हुए कहा कि उनके यहां न कोई डॉ. लाल हैं और न ही हॉप शूट्स नाम की दुनिया की सबसे महंगी सब्जी का बीज तैयार किया गया है।

इंटरनेट मीडिया पर वायरल तस्‍वीरें हॉप शूट्स की नहीं

पड़ताल के क्रम मेें शुक्रवार को जागरण टीम एक बार फिर अमरेश के औरंगाबाद स्थित गांव पहुंची तो स्थानीय लोगों ने ऐसी किसी प्रकार की खेती से अनभिज्ञता जताई। जब स्वजनों ने अमरेश से मोबाइल पर बात कराई तो उसने कहा कि वह नालंदा में खेती कर रहा है। वहीं, कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जो तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर दिख रही है वह हॉप शूट्स नहीं है।

आखिर क्‍यों इतना महंगा है हॉप शूट्स, जानिए…

सवाल उठता है कि आखिर क्‍या है इस सब्‍जी में कि‍ यह इतनी महंगी है? दरअसल, इसके फूलों का उपयोग बीयर बनाने में किया जाता है। इससे कैंसर सहित कई गंभीर रोगों के इलाज में प्रयुक्‍त कई दवाएं भी बनाई जातीं हैं।इसकी टहनियों काे खाया जाता है तथा इसका आचार भी बनता है। हॉप शूट्स की खेती जर्मनी में शुरू की गई। हालांकि, यूरोपीय देशों में यह सबसे ज्यादा पैदा होती है। ब्रिटेन और जर्मनी में लोग इसके मुरीद हैं। इसका सबसे बड़ा खरीदार अमेरिका है।

Source : Dainik Jagran

20 thoughts on “बिहार में लखटकिया सब्‍जी की नकली खेती! खोजा तो कहीं नहीं मिला हॉप शूट्स …अब होगी कार्रवाई”

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