अभी स्कूल का नया सत्र भी नहीं शुरू हुआ, लेकिन किताबों की कीमत 20 से 30 फीसदी तक बढ़ गयी है. सीबीएसइ सिलेबस की सभी विषयों की किताबों की कीमत पिछले दो महीने में बढ़ गयी है. दुकानदार भी मांग के लिहाज से अब बढ़ी कीमतों पर किताबें मंगा रहे हैं. कागज की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि का असर किताबों पर भी पड़ा है. इन किताबों की पेपर की क्वालिटी भी पहले की अपेक्षा खराब हो गयी है. इसके अलावा छात्रों को दी जाने वाली छूट भी समाप्त कर दी गयी है. दुकानदारों का कहना है कि पहले क्लास टू की किताबों की कीमत करीब दो हजार रुपये थी, जो अब बढ़ कर 2500 से 3000 रुपये हो गयी है. विभिन्न प्रकाशकों ने किताबों की कीमत में अपने हिसाब से इजाफा किया है. इसका असर अगले सत्र में देखने को मिलेगा. किताबों के मद में अभिभावकों पर बजट बढ़ जायेगा.

पत्रिकाओं की कीमत में भी 20 फीसदी तक इजाफा

पत्रिकाओं की कीमत में भी 20 फीसदी का इजाफा हुआ है. प्रतियोगिता परीक्षाओं से संबंधित पत्रिकाओं की कीमत भी पिछले एक महीने में बढ़ गयी है. करेंट अफेयर्स, एडुटेरिया, ल्यूसेंट सहित सामान्य ज्ञान की पत्रिकाओं की कीमत बढ़ने के साथ छात्रों को मिलने वाली छूट भी समाप्त कर दी गयी है. दुकानदारों का कहना है कि प्रतियोगिता परीक्षाओं से जुड़ी पत्रिकाओं की कीमत बढ़ने से छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. कई छात्र महीने में चार-पांच पत्रिकाएं खरीदते हैं, उन्हें अब पहले की अपेक्षा अधिक राशि खर्च करनी पड़ेगी.

ऑनलाइन ही छात्रों के पास एक मात्र विकल्प

महंगाई के इस दौर में ऑनलाइन किताबों को पढ़ने के अलावा छात्रों के पास कोई दूसरा चारा नहीं है. ऑनलाइन ई लाइब्रेरी में कई ऐसी किताबें हैं जो छात्रों के लिए आसानी से उपलब्ध हैं. ऐसे में छात्र उन्हें ऐक्सेस करके पढ़ सकते हैं. कई साइट ऐसे हैं जो छात्रों को स्कूली शिक्षा से लेकर पीजी तक की पढ़ाई के लिए किताबें उपलब्ध हैं.

इनपुट : प्रभात खबर

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