बरूराज थाने के सहमलवा गांव में रविवार को संध्या अर्घ्य से पहले 10वीं की छात्रा खुशी कुमारी की हत्या उसके पिता बालेंद्र भगत उर्फ गोनू ने गड़ासा से गर्दन काटकर कर दी। 16 साल की बेटी की गर्दन पर आरोपित पिता ने गड़ासे से चार वार किये। बेटी ने छठ का मेला जाने के लिए 100 रुपये ले लिये थे जो रुपये बालेंद्र ने शराब पीने के लिए पॉकेट में रखे थे। इसी बात को लेकर पहले उसने बेटी को काफी मारा-पीटा, उसके बाद उसकी हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद घर के बगल में गड़ासा फेंककर वह फरार हो गया। कई जगहों पर छापेमारी करने के बाद पुलिस ने बालेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया। उसे सोमवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया।

घटना के बाद छठ पर्व की खुशिया मातम में बदल गई। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। ताबड़तोड़ छापेमारी कर बरुराज पुलिस ने हत्यारे पिता को गिरफ्तार किया। हत्या में प्रयुक्त गड़ासे को भी जब्त कर लिया है। मृतका की मां रिंकू देवी के बयान पर हत्यारोपित पिता बालेन्द्र भगत उर्फ गोनू के खिलाफ एफआईआर की गई है। उसने पुलिस को बताया है कि उसका पति हाल ही में जयपुर से घर लौटा था। वह जयपुर में गाड़ी चलाता था। दीपावली बाद जयपुर से घर आया था। यहां आने के बाद वह हमेशा शराब के नशे में रहता था। बच्चों और पत्नी के साथ अक्सर मारपीट करता था। खरना पूजन की रात सब लोग पूजा में लगे थे, वह घर में झगड़ा कर रहा था।

प्रसाद न खाकर उसने खुशी से चावल बनवा कर खाया। देर रात तक शराब पीता रहा। फिर रविवार दोपहर बाद शराब पीकर लौटा तो खाना मांगा। उसे बेटी खुशी ने खाना दिया तो उसने खाना फेंक दिया। अपने पॉकेट से गायब 100 रुपये शराब पीने के लिए मांगने लगा। फिर खुशी और बेटे को पीटने लगा। खुशी ने विरोध किया तो गड़ासा उठाकर बालेन्द्र ने खुशी की गर्दन पर चार बार प्रहार कर दिया।

बयान :

बेटी की गर्दन गड़ासा से काटकर हत्या करने के आरोपी पिता को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। उसने 100 रुपये के लिए निर्मम तरीके से बेटी की हत्या कर दी है। उसके खिलाफ स्पीडी ट्रायल की अनुशंसा की जायेगी।

जयंतकांत, एसएसपी

जयपुर से लाया था गड़ासा :

खुशी की मां रिंकू देवी के अनुसार जिस गड़ासे से खुशी की हत्या की उसे बालेन्द्र जयपुर से खरीदकर अपने साथ लाया था। वहीं मृतका की दादी बच्ची देवी ने बताया कि बालेन्द्र भगत अपने भाइयों से भी हमेशा लड़ाई करता था। अपने बीवी-बच्चों को भी पीटता था। बताया जाता है कि बालेन्द्र का एक भाई झगड़ा से बचने के लिए अपना परिवार लेकर शहर में शिफ्ट कर गया है।

पोती की हत्या देखकर सन्न रह गई बच्ची देवी :

दादी बच्ची देवी ने बताया कि हल्ला सुनकर जब वह घर से बाहर निकली तो देखा कि बालेन्द्र बेटी खुशी के गले पर गड़ासे से ताबड़तोड़ वार कर रहा था। इस दृश्य को देखकर वह सन्न रह गई। काफी डर गई थी। घर का ग्रिल अंदर से बंद कर लिया। जब खुशी की मौत हो गई तब बालेन्द्र वहां से भाग गया। बगल में गड़ासा फेंक दिया था।

Input : live hindustan

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