महाशिवरात्रि का व्रत मीन राशि में राहु और बुध ये दो ग्रहों का एक साथ रहेंगें और चार ग्रहों का एक साथ होना संसार के लिए कल्याणकारी होगा, सूर्य शनि,चंद्रमा शुक्र कुम्भ राशि में विराजमान रहेंगें और माना जाता है कि शुक्र, सूर्य का एक साथ होने से सुख, समृद्धि के साथ अरोग्ययता की प्राप्ति होती है और सभी क्षेत्रों में विकाश होता है वही शुक्र ऐश्वर्य, शांति सौंदर्य, और सांसारिक भोगो को प्रदान करते हैं तो कुम्भ राशि में मन का कारक चन्द्रमा जो भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान हैं, चंद्रमा शांति शीलता, सुख, और अरोग्यता प्रदान करते हैं।
महाशिवरात्रि प्रमुख त्योहार में से एक है. यह भगवान शिव के पूजन का सबसे बड़ा पर्व भी है, फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है, माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि को भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था. भगवान शिव जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं, उतनी ही जल्दी नाराज भी जल्दी हो जाते हैं इसलिए शिवरात्रि के दिन और पूजा में कुछ बातों ध्यान रखना जरूरी है । पूजन करते समय मन को एकाग्र कर चित्त को शान्त कर के पूजन आरम्भ करें ।
महाशिवरात्रि में जागरण पूजन और उपवास का विशेष महत्व है. शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक पूजन जरूर करना चाहिए
इस व्रत को करने से दुःख, शोक, दरिद्रा, के साथ साथ सभी प्रकार के व्याधियों का भी शमन होने लगता है । शिव परिवार का विधिवत षोडशोपचार पूजन कर के जागरण करना चाहिए. शिवलिंग पर सबसे पहले पंचामृत चढ़ाना चाहिए. पंचामृत यानी दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल से बना हुआ मिश्रण. जो लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं उन्हें पहले प्रहर का अभिषेक जल, दूसरे प्रहर का अभिषेक दही, तीसरे प्रहर का अभिषेक घी और चौथे प्रहर का अभिषेक शहद से करें तथा भगवान शिव को दूध, गुलाब जल, चंदन, दही, शहद, घी, चीनी और जल का प्रयोग करते हुए तिलक और भस्म लगावें भोलेनाथ को वैसे तो कई प्रकार के ऋतु फल अर्पित किए जाते हैं लेकिन शिवरात्रि पर बेर जरूर अर्पित करना चाहिए क्योंकि बेर को चिरकाल का प्रतीक माना जाता है।
चार ग्रहों के योग में अपने राशियों के अनुसार करें महारुद्राभिषेक
मेष राशि वाले जातक आप भगवान शिव जी का अभिषेक गाय के कच्चा दूध में शहद मिलाकर करना चाहिए। उसके बाद लाल रंग का चन्दन एवं फूल चढ़ाना चाहिए।
वृष राशि वाले जातक आप दही से शिव का अभिषेक करना चाहिए। दही से अभिषेक करने से आपको धन, पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होगी। सफेद फूल तथा बेलपत्र चढाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आर्थिक समस्या का निदान शीघ्र ही हो जाता है।
मिथुन राशि वाले जातक आप गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए
कर्क राशि वाले जातक दूध में शक्कर मिलाकर शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। इससे मन शांत होगा तथा सद्बुद्धि की प्राप्ति होगी। साथ ही आंक के श्वेत फूल, धतूरा तथा बेलपत्र भी शिवजी को अर्पित करना चाहिए।
सिंह राशि वाले जातक मधु अथवा गुड़ युक्त जल से भगवान शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। भगवान शिव को कनेर का पुष्प तथा लाल रंग का चन्दन अर्पित करना चाहिए।
राशि कन्या वाले जातक को शिवजी का अभिषेक गन्ने के रस से करना चाहिए। शिव जी को भांग, दुर्वा, पान तथा बेलपत्र चढ़ाएं।
तुला राशि वाले जातक भगवान शिव का गाय के घी और इत्र या सुगंधित तेल या मिश्री मिले दूध से अभिषेक करना चाहिए। सफेद फूल भी पूजा में शिव को अर्पित करें। दही, शहद अथवा श्रीखंड का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव के सहस्त्रनाम का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि तथा लक्ष्मी का आगमन होगा।
वृश्चिक राशि वाले जातक पंचामृत अथवा शहद युक्त जल से भगवान शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। लाल फूल, लाल चन्दन भी शिव को जरुर चढ़ाएं।
धनु राशि वाले गंगाजल में हल्दी के रस डाल कर करे अभिषेक, तो आर्थिक स्थिति में सुधार ,सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।
मकर राशि वाले जातक नारियल के पानी से अथवा गंगा जल से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से और भगवान शिव जी को बिल्व पत्र, धूतरा, शमी के फूल, भांग एंव अष्टगंध चढ़ाना चाहिए। उड़द से बनी मिठाई का भोग लगाने से शनि की पीड़ा समाप्त होती है।
कुम्भ राशि वाले जातक सुगन्धित तैल में नारियल के पानी मिलाकरसे भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। शिवाष्टाक का पाठ करने से बिगड़े काम बनेंगे तथा धन लाभ भी होगा। शमी के फूल पूजा में अर्पित करें।यह शनि पीड़ा को कम करता है।
मीन राशि– मीन राशि वाले को केशर मिश्रित जल से जलाभिषेक करना चाहिए। शिव जी की पूजा पंचामृत, दही, दूध और पीले पुष्प से करनी चाहिए। ॐ नमः शिवाय का जाप करें।
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