मुजफ्फरपुर में करीब सात वर्ष पहले एक मंदिर से अष्टधातु की एक मूर्ति गायब हो गयी थी. बाद में, पुलिस ने उस मूर्ति को बरामद कर लिया. चूकि मामला कोर्ट में चल रहा था इसलिए पुलिस ने माता सीता और लक्ष्मण की मूर्ति को मालखाने में रख दिया. करीब सात वर्ष के बाद कोर्ट का फैसला आया. 23 अप्रैल 2023 को मूर्ति रिलीज करने का ऑर्डर दिया गया. हालांकि, डेढ़ महीने के बाद भी इस मूर्ति को मालखाने से नहीं निकाला गया. बाद में, बड़ी कोशिशों के बाद शनिवार को मंदिर कमिटी को मूर्ति दे दी गयी.

मंदिर में केवल एक मूर्ति की हो रही थी पूजा

मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष प्रेमचंद्र जायसवाल ने बताया कि मंदिर में तीन मूर्तियां अष्टधातु की स्थापित की गयी थी. इसमें से श्रीराम को छोड़कर, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्ति चोरी हो गयी थी. इसके बाद मंदिर में केवल एक मूर्ति की पूजा की जा रही थी. बाकि, मूर्तियां मिलने के बाद उन्हें फिर से मंदिर में स्थापित किया जाएगा. मामले में सरैया एसडीपीओ कुमार चंदन ने बताया कि ये मामला काफी पुराना है. मूर्ति रिलीज करने का आदेश कोर्ट से मिला था. कागजी प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लग गया. मन्दिर कमेटी में जिनके नाम से कोर्ट से रिलीज आर्डर था, मूर्ति उन्हें ही सौंप दी गई है.

2016 में चोरी हुई थी मूर्ति

थानाध्यक्ष राजेश रंजन ने बताया कि बलिराम दास रामजानकी मंदिर से 22 जून 2016 को मूर्ति की चोरी हुई थी. इसे लेकर पुजारी दयानंद मिश्र ने मूर्ति चोरी की एफआईआर दर्ज कराई थी. बाद में छापेमारी के दौरान दास पोखर जिराती टोला से दोनों मूर्तियां बरामद हुई. तब ये मूर्तियां मालखाने में पड़ी थीं. बता दें कि अपर लोक अभियोजक विनोद कुमार अग्रवाल ने मालखाने से बहुमल्य इन मूर्तियों के चोरी होने की आशंका भी जाहिर की थी. हालांकि, मूर्ति फिर से मिल जाने के बाद इलाके के श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है.

इनपुट : प्रभात खबर

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