पटना, जब भी चुनाव होता है तो लोगो के मन मे ये सवाल होता है की शायद कोई और बढ़िया ऑप्शन होता तो हम उन्हें चुनते. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव मे ये मौका लोगो को मिल रहा है क्यों की इस बार एक दो नहीं बल्कि छः लोगो को ऑप्शन जनता के पास है जिनमे से जनता अपना मनपसंद मुख्यमंत्री का चुनाव कर सकती है.
जी हाँ ये पहली बार है की बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जनता के पास छः मुख्यमंत्री के उम्मीदवार है. अगर हम बात करे पिछले दस सालो की तो लोगो के पास मात्र एक ही उम्मीदवार नीतीश कुमार थे. क्यों की साल 2010 में एनडीए ने सीधे नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया था जबकि आरजेडी के साथ चुनाव मैदान में उतरी पार्टियों ने चुनाव परिणाम बाद मुख्यमंत्री तय करने के करार पर चुनाव लड़ा था, उसके बाद पिछली बार 2015 में विधानसभा चुनाव के जेडीयू और आरजेडी ने साथ महागठबंधन दल बन कर जब चुनाव लड़ा था तब महागठबंधन की ओर से नीतीश कुमार का चेहरा सीएम के लिए सामने रखा गया था, जबकि एनडीए बनाम बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे के साथ चुनाव लड़ा और चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री तय करने की बात कही थी.यानि 10- साल के शासन काल मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने कोई और विकल्प नहीं था.
लेकिन इस बार जनता के सामने मुख्यमंत्री पद के दावेदार एक-दो नही बल्कि 6 हैं. एनडीए की बात करें तो बीजेपी जेडीयू बनाम एनडीए ने अपना मुख्यमंत्री पद का दावेदार नीतीश कुमार को माना है तो महागठबंधन में आरजेडी के साथ कांग्रेस और वाम दल सहित सभी ने पहली बार लालू के लाल तेजस्वी यादव को अपने मुख्यमंत्री पद का दावेदार चुना है. तीसरे नंबर पर दावेदारी की है एलजेपी ने एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान सीएम पद के दावेदार है, वहीं ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट ने पूर्व मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को सीएम पद का दावेदार बनाया है. पांचले नंबर पर हैं पांच बार सांसद रहे पप्पू यादव, पीडीए गठबंधन ने पप्पु को मुख्यमंत्री का दावेदार बनाया है वहीं छठे नंबर पर हैं मिस्ट्री गर्ल पुष्पम प्रिया चौधरी, प्लुरल्स पार्टी से चुनावी मैदान में उतरी ये छठी मुख्यमंत्री पद की दावेदार हैं.
अब देखना है की जनता इन छः उम्मीदवारों मे से किसको अपना मुख्यमंत्री चुनती है. इसके लिए चुनावी परिणाम का इंतजार करना होगा