बिहार में शराबबंदी है. यहां शराब पीना, पिलाना और बेचना कानूनन जुर्म है. इसके बाद भी यहां धड़ल्ले से शराब बिक रही है. शराब की तस्करी हो रही है और भारी मात्रा में शराब बरामद भी की जा रही है. यहां पर जिस गाड़ी से शराब की खेप बरामद की जाती है उसे भी जब्त कर लिया जाता है. गाड़ियों की जब्ती के बाद बिहार के थानों में पकड़ी गई गाड़ियों का अंबार लग गया है. थाने में गाड़ियों को खड़ी करने के लिए जगह नहीं बची है. ऐसे समय में बिहार सरकार ने शराबबंदी के नियमों में थोड़ी और ढील दी है. नए नियम के तहत अब शराब केस में पकड़ी गई गाड़ी को गाड़ी मालिक छुड़वा सकता है.

गाड़ी मालिक को अपनी गाड़ी छुड़वाने के लिए गाड़ी की कीमत का 10 प्रतिशत राशि बतौर जुर्माना जमा करना होगा. मंगलवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है.

थानों में खड़ी है 50 हजार से ज्यादा गाड़ियां

दरअसल शराबबंदी कानून के तहत पकड़ी गई गाड़ी से बिहार के सभी थाना परिसर भरे हुए हैं. शराब केस में पकड़े जाने के बाद वाहन मालिक उसे छुड़ाने नहीं आते हैं. अब सरकार ने आबकारी अधिनियम, 2016 में एक और बदलाव करते हुए यह निर्णय लिया है कि गाड़ी की बीमा कवर राशि का 10 प्रतिशत भुगतान कर गाड़ी को वाहन मालिक छुड़ा सकते हैं.बताया जा रहा है कि बिहार के 800 से ज्यादा थानों में 50 हजार से ज्यादा गाड़ियां खड़ी- खड़ी जंग खा रही हैं.

पहले भी सरकार ने दी थी कानून में ढील

वहीं शराब केस में पकड़े जाने के बाद इसे छुड़ाने के लिए भी मालिक नहीं आते थे.लेकिन अब जब जब्त गाड़ी की कीमत का 10 प्रतिशत जमा कराना होगा तो उम्मीद है कि वाहन मालिक अपनी गाड़ी को वापस लेने जाएंगे. इससे पहले पिछले साल शराबबंदी कानून में सरकार ने ढिलाई दी थी. तब पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने के बाद तीन से पांच हजार रुपए जुर्माना लेकर छोड़े जाने का प्रावधान किया गया था.इसके साथ ही भविष्य में शराब का सेवन नहीं करेंगे इसका शपथ पत्र जमा कराने के लिए कहा गया. तब करीब 50 हजार लोग जुर्माना देकर छूटे हैं.

Source : Tv9 bharatvarsh

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