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Makar Sankranti: मकर संक्रांति का त्योहार आज देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। सूर्योदय के बाद संगम व गंगा के समस्त घाटों पर स्नानार्थियों की भीड़ बढ़ने लगी है। इस दिन आस्था की डुबकी लगाई जाती है। कड़ाके की ठंड पड़ने के बावजूद श्रद्धालुओं में जो आस्था का जोश है उसमें कमी नहीं नजर आ रही है।

इसी बीच पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में मकर संक्रांति के अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगासागर में पवित्र स्नान किया। इस मौके पर तीर्थयात्री और संत कड़कड़ाती ठंड को झेलते हुए और गंगा के बर्फीले पानी में उतरकर हाथ जोड़कर प्रार्थना करते देखे गए।

वहीं उत्तर प्रदेश में भी मकर संक्रांति के अवसर पर वाराणसी में श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में पवित्र स्नान किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर लोगों को बधाई दी उन्होंने कहा- ‘मैं पूरे प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। पूरे देश के अंदर अलग-अलग नाम और रूपों में यह पर्व मनाया जाता है। उत्तर भारत में मकर संक्रांति खिचड़ी पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।’

मध्य प्रदेश में भी मकर सक्रांति के अवसर पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई।

उत्तराखंड में मकर संक्रांति के मौके पर श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाई।

ओम्कारेश्वर में नर्मदा स्नान और ज्योतिर्लिंग दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर में मकर संक्रांति का उल्लास दूसरे दिन भी रहेगा।वैसे तिथि के अनुसार मन्दिर में शनिवार को संक्रांति पर्व मनाया गया । इस मोके पर करीब 50 हजार श्रद्धालुओं ने नर्मदा स्नान और भगवान ओंकारेश्वर व ममलेश्वर का पूजन-अर्चन किया। रविवार को भी सुबह से नर्मदा स्नान और दानपुण्य का सिलसिला शुरू हो गया है। सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही ज्योतिर्लिंग मन्दिर में दर्शन के लिए कतार लगना शुरू हो गई है।रविवार के अवकाश के चलते भी बड़ी संख्या में पर्यटक भी यहां पहुंच रहे है।

तिल-खिचड़ी-कपड़े दान का महत्व

मकर संक्रांति पर सुबह गंगा स्नान और गरीबों व जरूरतमंदों को तिल, खिचड़ी, कपड़े का दान करना चाहिए। मान्यता है कि मकर संक्रांति पर तिल का दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और नहाने के बाद सूर्य को जल अर्पित करने से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है।

इनपुट : दैनिक जागरण

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