नई दिल्ली, हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की जिसे पार्टी की इस सर्वोच्च इकाई ने ठुकरा दिया। बैठक में पराजय के कारणों और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई और इस दौरान राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग जोर-शोर से उठी। लगातार दूसरे आम चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद राहुल ने 2019 में पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।



गहलोत ने की राहुल को सराहा

बैठक से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा कि आज के समय में राहुल गांधी देश के इकलौते नेता हैं जो पूरे दमखम के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुकाबला कर रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में पूरी ताकत से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की भी सराहना की।

पार्टी को ले डूबी अंदरूनी कलह

गहलोत ने कहा कि ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ अभियान की गूंज पूरे देश में सुनाई दी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने हालिया चुनाव ध्रुवीकरण करके जीते हैं, साथ ही उन्होंने माना कि पंजाब में कांग्रेस अंदरूनी कलह की वजह से पराजित हुई। गहलोत ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप भी लगाया।

डीके शिवकुमार ने भी राहुल के पक्ष में उठाई आवाज

कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी ट्वीट कर कहा, ‘जैसा मैंने पहले कहा है कि राहुल गांधी को तत्काल पूर्णकालिक अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह मेरे जैसे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की इच्छा है।’ बैठक के दौरान पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के निकट एकत्र हुए। उन्होंने राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी की और उन्हें पार्टी की कमान एक बार फिर से सौंपने की मांग की।

गांधी परिवार पर जताया भरोसा

युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा कि गांधी परिवार वह धागा है जो न सिर्फ कांग्रेस को बल्कि देश के सभी वर्गों को बांधकर रखता है। यह किसी चुनावी जीत या हार पर निर्भर नहीं है।



ये दिग्‍गज हुए शामिल

सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत और कई अन्य नेता शामिल हुए। हालांकि बीमार होने की वजह से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कोविड संक्रमित होने की वजह से वरिष्ठ नेता एके एंटनी और कुछ अन्य नेता बैठक में सम्मिलित नहीं हुए।

गांधी परिवार के इस्तीफे की थीं अटकलें

बैठक से एक दिन पहले मीडिया के एक हिस्से में खबर आई थी कि गांधी परिवार पार्टी के पदों से इस्तीफे की पेशकश कर सकता है। हालांकि कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से इस खबर का खंडन करते हुए इसे ‘गलत एवं शरारतपूर्ण’ करार दिया था।

जी-23 ने सुझाया था वासनिक का नाम

सूत्रों ने बताया कि पार्टी के असंतुष्ट जी-23 समूह के नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए मुकुल वासनिक का नाम सुझाया था लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। जी-23 के एक नेता ने बताया कि भले ही सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष (अंतरिम) है, लेकिन वर्चुअली इसे केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला चलाते हैं और उनकी कोई जवाबदेही भी नहीं है। राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं हैं, फिर भी वह पर्दे के पीछे से काम करते हैं और फैसले लेते हैं।

इनपुट : जागरण

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