मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर जिला अंतर्गत मोतीपुर के मुरारपुर में स्थापित अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट का शिलापट्ट का अनावरण कर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने एथेनॉल प्लांट का भ्रमण भी किया । इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजित जनसभा का विधिवत शुभारंभ किया। एथेनॉल प्लांट के प्रबंधकों द्वारा मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया । स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नेताओं ने मुख्यमंत्री को फूलों की बड़ी माला पहनाकर उनका स्वागत किया।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सबसे पहले यहाॅ उपस्थित आप सभी लोगों को बधाई देता हॅू एवं आपका अभिनंदन करता हूँ। यह एथेनॉल प्लांट सांसद वीणा देवी एवं विधान पार्षद दिनेश प्रसाद सिंह के प्रयास से स्थापित हुआ है। इनके बच्चों ने काफी अच्छा काम किया है। पिछले साल भी यहां आकर हमने निर्माणाधीन प्लांट के कार्यों को देखा था और कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया था। अब यहां पर काम शुरू हो गया है, यह खुशी की बात है। इस एथेनॉल प्लांट में पर्याप्त जगह है। इस काम को आप सभी और आगे बढ़ाएंगे तो काफी अच्छा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने बिहार में एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए वर्ष 2007 में ही राज्य सरकार से कानून बनाकर केंद्र को भेजा था और बिहार में एथेनॉल प्लांट लगाने की इच्छा प्रकट की थी। उस समय दूसरे राज्यों से लोगों ने यहां आकर उद्योग स्थापित करने में अपनी रुचि दिखाई थी. उनलोगों की तरफ से लगभग 31 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की इच्छा प्रकट की गयी थी। गन्ना से एथेनॉल बनता तो यह बड़ी बात होती लेकिन उस समय की केंद्र सरकार ने हमलोगों का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। केंद्र ने यह कहते प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया कि गन्ने से चीनी उत्पादन आवश्यक है इसलिए एथेनॉल हुए बनाने की स्वीकृति नहीं दी जा सकती।
वर्ष 2020 के बाद पता चला कि केंद्र सरकार एथेनॉल उत्पादन से संबंधित पॉलिसी बना रही है, तब हमने प्रधानमंत्री से मिलकर बिहार में एथेनॉल प्लांट लगाने से संबंधित वर्ष 2007 एवं उसके बाद जितने भी प्रयास किये गये, उन तमाम चीजों से उन्हें अवगत कराया। इस संबंध में जो पत्र लिखे गए थे, उसकी भी हमने जानकारी दी। हमलोगों ने कहा कि गन्ना, मक्का और टूटे हुए चावल से भी एथेनॉल बनाया जा सकता है। हमने बताया कि काफी पहले ही एथेनॉल प्लांट लगाने की हमारी इच्छा थी। सैय्यद शाहनवाज हुसैन से हमारा व्यक्तिगत संबंध है। वे यहां उपस्थित हैं, यह काफी खुशी की बात है। दूसरे लोग यहां आने की हिम्मत नहीं करते।
बिहार में अनेक विकास के कार्य किए गए हैं लेकिन हमारे कामों का जिक्र नहीं होता है। हमने लोगों से बिहार में एथेनॉल प्लांट लगाने का प्रस्ताव मांगा, तब हमें 152 प्रस्ताव प्राप्त हुए. लेकिन केंद्र सरकार ने सिर्फ 17 प्रस्तावों को ही अपनी मंजूरी दी । पूर्णिया, गोपालगंज और भोजपुर सहित बिहार में 15 जगहों पर एथेनॉल प्लांट लगाने का काम चल रहा है। यहां पर काफी अच्छा काम हुआ है। आज इसकी शुरुआत भी हो गई है। मुजफ्फरपुर जिले में चार जगहों पर एथेनॉल प्लांट लगने हैं, जिसमें से एक जगह काम पूरा हो गया और अन्य जगहों पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। शेष 11 जगहों पर भी काम किए जा रहे हैं। हमलोग एक- एक चीज को ध्यान में रखते हुए बिहार में विकास के काम कर रहे हैं। सितंबर 2022 में भी हमने यहां आकर निर्माणाधीन प्लांट को देखा था ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ऊर्जा डिस्टिलरीज प्राइवेट लिमिटेड का यह एथेनॉल प्लांट 23 एकड़ में फैला हुआ है, जिसकी लागत 152 करोड़ रुपये है। हम सैय्यद शाहनवाज हुसैन जी से कहेंगे कि बिहार में एथेनॉल प्लांट की संख्या और अधिक बढ़ाने की कोशिश करें। केंद्र यदि प्लांट की संख्या बढ़ाएगा तो हम आप को ही क्रेडिट देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए काफी काम किए गए हैं। उद्यमियों को राज्य सरकार द्वारा काफी सहूलियतें दी जा रही हैं। हर धर्म, संप्रदाय के लोगों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। बिहार में अधिक से अधिक उद्योग स्थापित हो, इसको लेकर बियाडा की जमीन 80 प्रतिशत रियायत पर उद्यमियों को दी जा रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लोगों को उद्योग लगाने के लिये 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद राज्य सरकार दे रही है ताकि वे अपना उद्योग स्थापित कर सकें।
इसमें 5 लाख रुपये का अनुदान और 5 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें सामान्य वर्ग और पिछड़े वर्ग के लोगों को 5 लाख रुपये का अनुदान और मात्र 1 प्रतिशत की ब्याज दर पर 5 लाख रुपये का ऋण मुहैया कराया जा रहा है। हर वर्ग की महिलाओं को 5 लाख रूपये का अनुदान एवं 5 लाख रूपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्ष 2018 में उद्यमी योजना का लाभ सिर्फ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति से जुड़े लोगों को मिलता था। वर्ष 2020 में इसे अति पिछड़ा वर्ग के लिए भी शुरू कर दिया गया। उसके बाद सभी धर्म, समुदाय से जुड़े लोगों को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का लाभ दिया जाने लगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में महिलाओं को सशक्त एवं आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए अनेक योजनाएं लाई जा रही हैं। जीविका समूह से 1 करोड़ 30 लाख दीदियां जुड़ गई हैं। लड़कियों को पढ़ाने एवं आगे बढ़ाने के लिए साइकिल योजना के साथ-साथ अन्य योजनाएं भी चलायी जा रही है। सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान किया गया। बिहार एक गरीब राज्य है लेकिन हमारा आर्थिक विकास दर कई राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है। बिहार का प्रति व्यक्ति आय 54 हजार 383 रुपये है, जबकि देश का 1 लाख 50 हजार रुपये है। अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता तो बिहार काफी आगे बढ़ता। इसके लिए भी आप सभी कोशिश करिए ताकि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाए। बिहार को एथेनॉल प्लांट लगाने का अधिक से अधिक मौका मिले, इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ऊर्जा डिस्टिलरीज प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक सुश्री कोमल सिंह एवं श्री शुभम सिंह आप दोनों को मैं बहुत बधाई देता हूं, आपकी आमदनी बढ़े ताकि आपसे लोग प्रेरित होकर और अधिक लगन से काम करें। हम लोगों से आग्रह करेंगे कि महिला और पुरुष सभी मिलकर पूरी मुस्तैदी के साथ एकजुट रहते हुए काम करें, आपस में प्रेम एवं सद्भाव कायम रखें। कुछ लोग गड़बड़ करने की कोशिश में लगे रहते हैं, ऐसे लोगों से सतर्क रहें। आप सभी एकजुट होकर काम करेंगे तभी राज्य के साथ-साथ देश भी आगे बढ़ेगा।
जनसभा को बिहार विधान परिषद् के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री सह मुजफ्फरपुर जिले के प्रभारी मंत्री जितेंद्र कुमार राय, विधान पार्षद सह पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, विधान पार्षद दिनेश प्रसाद सिंह, भारत ऊर्जा डिस्टिलरीज प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक सुश्री कोमल सिंह एवं शुभम सिंह ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर सांसद वीणा देवी, विधायक पंकज मिश्रा, विधायक राजू सिंह, विधायक अरुण सिंह, पूर्व मंत्री मनोज कुशवाहा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौन्ड्रिक, आयुक्त तिरहुत प्रमंडल गोपाल मीणा, तिरहुत रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पंकज सिन्हा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार, मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमलोग उपस्थित थे।