मुजफ्फरपुर :-पटना में बीपीएससी छात्रों पर हुई लाठी चार्ज का मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली और बिहार मानवाधिकार आयोग, पटना के समक्ष पहुँच गया हैं। मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस.के.झा के द्वारा यह याचिका दाखिल की गई हैं।
विदित हो की 70 वीं बीपीएससी की प्रारम्भिक परीक्षा (पीटी) को रद्द कराने के लिए छात्रों का आंदोलन लगातार चल रह रहा हैं। 29 दिसम्बर को छात्र एक जुट होकर पटना में अपना विरोध जता रहे थे और परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे, इस दौरान पुलिस के द्वारा छात्रों पर पानी की बौछार की गई और लाठी चार्ज किया गया। पुलिस की कार्रवाई में दर्जनों की संख्या में छात्र और छात्राएं घायल हो गए।
मामले के संबंध में अधिवक्ता एस.के.झा ने कहा की भारत के संविधान में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अधिकार है। संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (बी) के मुताबिक, नागरिकों को बिना हथियार के शांतिपूर्वक इकट्ठा होने का अधिकार है साथ ही साथ विरोध करने का अधिकार भाषण का एक अंतर्निहित हिस्सा है और हमारे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत जीने के अधिकार का एक अंतर्निहित पहलू है। पुलिस ने छात्रों पर जो लाठी चार्ज किया हैं और पानी बरसाया हैं यह पुलिस की अमानवीय चेहरा को उजागर करती हैं। साथ ही साथ उन्होंने बताया की पुलिस के द्वारा मानवाधिकार का घोर उल्लंघन किया गया हैं, हमने आयोग से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग किया हैं और उच्च स्तरीय जाँच की मांग किया हैं।
Comments are closed.