कोरोना संक्रमण के मामले में एक अहम खबर यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन,IMA के जिस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया था उसमें शामिल 17 डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री काफी देर तक रुके थे और अपने भाषण में तीसरी लहर के खतरे की ओर इशारा किया था। पॉजिटिव रिपोर्ट वाले सभी डॉक्टर नालंदा मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर हैं। उनकी रिपोर्ट आने के बाद राज्य के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। चर्चा हो रही है कि मुख्यमंत्री उन डॉक्टर्स के संपर्क में आए थे अथवा नहीं। इसे देखते हुए संक्रमित डॉक्टर की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। जानकारी के मुताबिक रैपिड एंटीजन टेस्ट में इन्हें पॉजिटिव पाया गया है। आरटी पीसीआर टेस्ट का रिपोर्ट आना अभी बाकी है।

दरअसल बीते सोमवार को पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में IMA का 96 वां कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले दिन इसमें शामिल हुए थे। सीएम ने कांफ्रेंस में काफी समय बिताया था।
एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि आशंका होने पर कुल 70 डॉक्टर्स के सैंपल लिए गए। उन सभी सैंपल की रैपिड एंटीजन कीट के जरिए जाँच कराई गई। जांच रिपोर्ट में 17 जूनियर डॉक्टर्स पॉजिटिव पाए गए। रिपोर्ट आने के बाद हड़कंप मच गया।

अधीक्षक डॉ विनोद सिंह ने बताया कि सभी पॉजिटिव डॉक्टर्स को उनके हॉस्टल में आइसोलेट कर दिया गया है और उनका प्रॉपर ट्रीटमेंट कराया जा रहा है। उनका आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा रहा है। उसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने पॉजिटिव आए लोगों के कांटेक्ट ट्रेसिंग करने का आदेश दिया है। पटना में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए डीएम ने निर्देश दिया है कि पटना में 50% आइसोलेशन और कोर्ट सेंटर को फिर से शुरू किया जाए।

बिहार में काफी तेजी से कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। साल 2021 के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर को राज्य में 281 नए मामले सामने आए। पटना में सक्रिय मरीजों की संख्या 405 हो गई है।

Input : live hindustan

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