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Patna: भारतीय रेलवे का इतिहास काफी पुराना है. भारतीय रेलवे की शुरूआत ब्रिटिश काल में हुई थी. रेलवे से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है. देश में एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जो दो राज्यों की सीमाओं को जोड़ता है. ये रेलवे स्टेशन बिहार और झारखंड को जोड़ता है. हांलाकि सभी जानते हैं साल 2000 में बिहार से झारखंड अलग हो गया था. आज हम आपको बिहार झारखंड को जोड़ने वाले एक ऐसे ही स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं.

2000 में बिहार- झारखंड हुए थे अलग
बिहार झारखंड के अलग होने के बाद भी एक ऐसे रेलवे स्टेशन है जो दोनों राज्यों को जोड़े रखता है. कोडरमा के दिलवा रेलवे स्टेशन में मेन लाइन झारखंड में है तो वहीं प्लेफॉर्म और लूप लाइन बिहार में आती है. हावड़ा दिल्ली मेन लाइन का ये है कोडरमा का दिलवा रेलवे स्टेशन. दिलवा स्टेशन से गुजरने वाली मेन लाइन झारखंड में है तो लूप लाइन बिहार में है. साल 2000 में बिहार से झारखंड अलग हो गया था. जिसके बाद दोनों राज्यों की सीमाएं निर्धारित की गई थी लेकिन यह दिलवा स्टेशन और इस स्टेशन के कर्मी राज्यों की सीमाओं को नहीं मानते.

कोडरमा-गया रेलखंड का हुआ निर्माण
1960 में ब्रिटिश काल में कोडरमा से गुजरने वाली हावड़ा दिल्ली मेन लाइन के कोडरमा-गया रेलखंड का निर्माण किया गया था. उस समय न ही बिहार था और न ही झारखंड था. यह पूरा इलाका मगध के नाम से जाना जाता था. दिलवा स्टेशन से सटे एक टनल से होकर ट्रेन गुजरती है और जब यहां से गुजरने वाले रेलयात्री स्टेशन पर लगे बिहार और झारखंड का यह बोर्ड देखते हैं तो उन्हें कई मायने में यह पूरा इलाका ऐतिहासिक होने का प्रमाण मिलता है.

ऐतिहासिक होने के साथ-साथ कई बार बिहार झारखंड जोड़े रखने वाले इस स्टेशन पर घटना दुर्घटना के वक्त परेशानी भी होती है. आरपीएफ और जीआरपी के बीच दोनों राज्यों की सीमा विवाद से कई बार समस्याएं बढ़ जाती है.

Source : Zee news

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