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BSc book shows benefits of dowry system news in hindi: स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई जाने वाली पाठ्यपुस्तकों की सामग्री को लेकर एक नया विवाद सामने आया है. यह बीएससी नर्सिंग ( BSc Nursing ) की एक किताब को लेकर है.

इस किताब में दहेज प्रथा (Dowry System) के फायदे गिनाए गए हैं. इस किताब का नाम है ‘टेक्स्टबुक ऑफ सोशियोलॉजी फॉर नर्सेस’, जिसे लिखा है टीके इंद्राणी (TK Indrani) ने, जो खुद एक महिला हैं. शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसके खिलाफ शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से शिकायत की है. उन्होंने इस टेक्स्ट को महिलाओं के लिए अपमानजनक और समाज के लिए शर्मनाक बताते हुए इसे सिलेबस से हटाने की मांग की है. वहीं, भारतीय नर्सिंग काउंसिल की ओर से भी इस मामले पर स्पष्टीकरण दिया गया है.

इस किताब की एक फोटो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे बिंदुवार तरीके से दहेज प्रथा के फायदे गिनाए गए हैं. पढ़िए इसमें क्या-क्या लिखा है…

किताब में बताए हैं ये फायदे

1. ‘दहेज नई गृहस्थी बसाने में मददगार है. बेड, गद्दे, टीवी, पंखे, फ्रिज, बर्तन, कपड़े और यहां तक की गाड़ी देने की प्रथा भारत के कई हिस्सों में दहेज के रूप में पाई जाती है.’
2. ‘दहेज के रूप में लड़की को अपने माता-पिता की संपत्ति का एक हिस्सा मिलता है.’
3. ‘दहेज के कारण लड़कियों में शिक्षा का प्रसार हो रहा है. क्योंकि दहेज के बोझ से बचने के लिए कई अभिभावकों ने अपनी बेटियों को पढ़ाना शुरू कर दिया है. ताकि जब लड़कियां पढ़ लेंगी और नौकरी करेंगी तब दहेज की मांग कम होगी. इसलिए यह एक अप्रत्यक्ष फायदा है.’
4. ‘बुरी दिखने वाली लड़कियों की शादी आकर्षक दहेज के साथ एक अच्छे या बुरे दिखने वाले लड़के से हो पाती है.’

देश और संविधान के लिए शर्मानक

बीएससी नर्सिंग की सेकंड ईयर में चल रही इस किताब (Textbook of Sociology for Nurses) में दिए गए कंटेंट के खिलाफ शिकायत करते हुए शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Shiv Sena MP Priyanka Chaturvedi) ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Education Minister Dharmendra Pradhan) को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि ‘यह महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां हैं. यह हैरान करने वाता है कि इस तरह का घटिया टेक्स्ट पढ़ाया जा रहा है. दहेज के फायदे बताने वाली किताब हमाने करिकुलम में है, यह देश और इसके संविधान के लिए शर्म की बात है.’

उन्होंने लिखा कि ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहां दहेज एक अपराध है, वहां इस तरह की पुरानी विचारधारा प्रसारित की जा रही है. स्टूडेंट्स को इस तरह की प्रतिगामी चीजें पढ़ाई जा रही हैं, यह और भी चिंताजनक है. अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस तरह की किताबें तुरंत बंद होनी चाहिए और इन्हें सिलेबस से बाहर करना चाहिए. साथ ही इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में भी ऐसे महिला विरोधी कंटेंट न पढ़ाए जाएं, न इन्हें बढ़ावा दिया जाए.’

नर्सिंग काउंसिल की सफाई

इस मामले पर इंडियन नर्सिंग काउंसिल (Indian Nursing Council) ने भी सफाई देते हुए एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें लिखा है कि ‘आईएनसी (INC) इस तरह के किसी भी अपमानजनक कंटेंट के बिल्कुल खिलाफ है, जो देश के कानून के खिलाफ हैं. यह स्पष्ट किया जाता है कि नर्सिंग काउंसिल सिर्फ वही सिलेबस निर्धारित करती है जो आईएनसी की वेबसाइट पर है.’

Source : Tv9 bharatvarsh

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