वैशाली. अपनो ने ठुकराया तो गैरों ने अपनाया. हिंदी फिल्मों में इस तरह की कई कहानियां आपने देखी होगी, लेकिन असल जीवन ऐसी कहानियां कभी-कभार ही देखने को मिलती हैं. हाजीपुर से आई एक लड़की की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जहां अपनो ने जब उसे ठोकर खाने के लिए छोड़ दिया तो गैरो ने ना सिर्फ उसे अपनाया बल्कि धूमधाम से उसकी शादी भी करवा दी. हाजीपुर के दिग्घी गांव से एक ऐसी ही कहानी सामने आयी है जो बतलाती है कि दुनिया मे इंसानियत आज भी जिंदा है. दरअसल 5 जनवरी को एक लड़की भटकते-भटकते दिग्घी गांव पहुंची जहां अपने पेट की आग बुझाने के लिए यह लड़की लोगों के घर-घर जाकर रोटी मांग रही थी तभी एक महिला की नजर इस लड़की पर पड़ी जिसने गुड़िया नाम की इस लड़की को ना सिर्फ पेट भर खाना खिलाया बल्कि अपने घर में रहने की जगह भी दी.

जानकारी के अनुसार दो चार दिन में यह बात पूरे इलाके में फैल गई और कुछ असामाजिक तत्वों को यह नागवार गुजरा, जिसके बाद असामाजिक तत्वों ने लड़की को बेचने की योजना बना ली जिसकी भनक उस महिला को लगी जिसने गुड़िया को अपने घर मे रखा था. महिला ने इस बात की जानकारी दिग्घी पूर्वी पंचायत की मुखिया आशा देवी के पुत्र को दी. ग्रामीण स्तर पर लोगो से बात कर मुखिया पुत्र ने सोनपुर के रहनेवाले अलख कुमार से शादी करने का निर्णय लिया और पूरे समाज ने मिलकर कोलकाता में चालक का काम करनेवाले अलख और उसके परिवार को शादी के लिए तैयार कर धूमधाम से गुड़िया का विवाह कर दिया.

सौतेले मां-बाप ने ठुकराया तो गैरों ने अपनाया

अब किसी सुपरहिट हिंदी फिल्म की पटकथा पर आधारित इस रियल लाइफ स्टोरी के फ्लैश बैक की कहानी भी आपको बताते हैं. दरअसल गुड़िया खुद को नवादा जिले के मजगामा गांव की रहनेवाली बताती है. उसने बताया कि उसके घर में उसके सौतेले मां-बाप रहते हैं जिसने मारपीट कर घर से निकाल दिया था और काम की तलाश में भटकते-भटकते वह ट्रेन से हाजीपुर आ गई। हाजीपुर में भी उसे काम नहीं मिला तो खाने के लिए दर दर भटक रही थी. इसी क्रम में वह शहर के पास स्थित दिग्घी गांव पहुंच गई जहां एक महिला ने उसे आसरा दिया.

भूखे भेड़ियों का शिकार होने से बची युवती

कहते हैं कि जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है और दिग्घी गांव के लोग भी इस लड़की के लिए किसी भगवान से कम नहीं है जिन्होंने ना सिर्फ उसे भूखे भेड़ियों का शिकार होने से बचाया बल्कि उसकी शादी कर उसका उजड़ा घर फिर से बसा दिया है. अब ऐसे में दिग्घी गांव शादी की शहनाई और लोगों का हुजूम यह किसी धनी आदमी के घर शादी विवाह का नजारा नहीं है बल्कि उस लड़की के शादी की तस्वीर है जिसे समाज ने अपनी बेटी माना है.

Source : News18

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