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नई दिल्ली, 23 मई: देश में पिछले कई दिनों से एक मुद्दा काफी चर्चा में है, ‘मंदिर था या मस्जिद था…’ का मुद्दा। जी हां, वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। ज्ञानवापी मस्जिद में तीन दिन तक चले सर्वे के बाद हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद में शिवलिंग पाया गया और मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वो वजूखाने में लगा फव्वारा है। लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद के अलावा भी देश में कई ऐसे मस्जिद हैं, जिसको लेकर दावा किया जाता है, कि वहां कभी मंदिर या हिंदू धर्म से जुड़ी चीजें थीं। कई जगह ऐसी भी है, जिसपर हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्ष के लोग दावा करते हैं। इनमें से कई मामले कोर्ट में भी चल रहे हैं। तो आइए आपको ज्ञानवापी मस्जिद के अलावा देश के पांच ऐसे मस्जिद के बारे में बताते हैं, जिसको लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि वहां पहले कभी मंदिर हुआ करता था, जिसको मुगल शासकों या फिर विदेशी आक्रमकों ने तोड़कर मस्जिद बनवाए।


1.काशी विश्वनाथ – ज्ञानवापी मस्जिद (वाराणसी)

वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर को ईसा पूर्व 11वीं सदी में राजा हरीशचन्द्र ने बनवाया था। मुहम्मद गौरी से लेकर सुल्तान महमूद शाह जैसे कई शासकों ने इसे तुड़वाने की समय-समय पर कोशिश की। कहा जाता है कि 18 अप्रैल 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर को तुड़वाकर वहां, ज्ञानवापी मस्जिद बना दी, जिसको लेकर आज भी विवाद जारी है। काशी में विश्वनाथ मंदिर, जो आज आप देख रहे हैं वो 1780 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर बनवाया था। 1991 में मंदिर परिसर से ज्ञानवापी मस्जिद को हटाने की पहली याचिका डाली गई थी।

2. श्रीकृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह (मथुरा)

मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है और उसी जन्मभूमि के आधे हिस्से पर शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई है। मथुरा में पहला केशवनाथ मंदिर 80-57 ईसा पूर्व बनाया गया था। माना जाता है कि औरंगजेब ने 1660 में मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म स्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को तुड़वाकर ईदगाह बनवाई थी। फिलहाल ये मामला भी कोर्ट में लंबित है।

3. र्चिका देवी मंदिर-बीजा मंडल मस्जिद (विदिशा, MP)

मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में बीजा मंडल को लेकर भी विवाद है। कहा जाता है कि बीजा मंडल मस्जिद का निर्माण परमार राजाओं ने करवाया था और यहां उन्होंने 10-11वीं शताब्दी में चर्चिका देवी मंदिर का निर्माण करवाया था। 1658 से 1707 में औरंगजेब ने इस बीजा मंडल पर तोपों से हमला करवाया था और मंदिर की जगह बीजा मंडल मस्जिद बनवा दिया था। बाद में इसका नाम बदलकर बीजा मंडल कर दिया गया। बीजा मंडल पर अब हिंदू-मुस्लिम दोनों दावा करते हैं।

इस स्थल पर आज भी वो खंभे हैं, जिसके शिलालेख से ये पता चलता है कि यहां पहले देवी विजया का मंदिक था, जिसे चर्चिका देवी भी कहा जाता है।

4.भद्रकाली मंदिर -जामा मस्जिद (अहमदाबाद)

कर्णावती शहर जिसे वर्तमान में अहमदाबाद के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां के भद्रकाली मंदिर को 14वीं शताब्दी में मुस्लिम अक्रांताओं ने तोड़ा था। भद्रकाली मंदिर को राजपूत परमार राजाओं ने बनवाया था। भद्रकाली की जगह पर अहमद शाह प्रथम ने 1424 में जामा मस्जिद बनवाया था। जामा मस्जिद के खंभे हिन्दू मंदिरों के स्टाइल में बने हैं।

5. आदीनाथ मंदिर-अदीना मस्जिद (पश्चिम बंगाल)

आदिना मस्जिद पश्चिम बंगाल के मालदा में है, इसे 1396 ई.में सुल्तान सिकंदर शाह ने बनवाया था। कहा जाता है कि आदिना मस्जिद की जगह शिव का प्राचीन आदिनाथ मंदिर है। अदीना मस्जिद के कई हिस्सों में हिंदू मंदिरों की नक्काशी देखी जा सकती है।

6. भोजशाला-कमल मौला मस्जिद (धार , MP)

मध्य प्रदेश के धार जिले में कमल मौला मस्जिद भी विवादों में रहता है। हिंदू पक्ष का दावा है कि कमल मौला मस्जिद की जगह पहले माता सरस्वती का प्राचीन मंदिर भोजशाला हुआ करता था। कहा जाता है कि भोजशाला मंदिर का निर्माण हिंदू राजा भोज ने 1034 में करवाया था। सबसे पहले इस मंदिर पर हमला 1305 में अलाउद्दीन खिलजी ने किया, फिर सम्राट दिलावर खान इसे नष्ट करवा दिया। फिर महमूदशाह ने भोजशाला पर हमला करके यहां कमल मौलाना मकबरा बना दिया। इस जगह पर हर मंगलवार और वसंत पंचमी को हिंदू पूजा करते हैं और मुस्लिम शुक्रवार को नमाज पढ़ते हैं।

source: oneindia.com

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