मुजफ्फरपुर, आमगोला रोड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मुख्य सेवाकेंद्र सुख शांति भवन में दादी पुष्पाल जी का 10वां पुण्य स्मृति दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया. दादी पुष्पाल जी को 1953 में दिल्ली कमला नगर में ईश्वरीय ज्ञान प्राप्त हुआ. पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा बाबा से वह अपने पूरे परिवार के साथ मिली. वह अपनी दो सुपुत्री बीके रानी दीदी और बीके सुधा दीदी को ईश्वरीय ज्ञान देने के निमित्त बनी. उन्होंने जर्मनी, यूरोप, दुबई, नेपाल और भारत मे विभिन्न स्थानों पर सेवाएं दी.
राजयोगिनी बीके रानी दीदी ने कहा दादीजी जब से ईश्वरीय ज्ञान में आई, तभी से निश्चयबुद्धि और समर्पित रही. सेवा में सदा तत्पर रही. अनेक आत्माओं की सेवा करने की भावना रही, 25 वर्षों से ज्यादा जर्मनी में सेवाएं दी. ईश्वरीय ज्ञान का प्रकाश फैला कर अनेक आत्माओं का कल्याण किया. मुख्यालय माउंट आबू से पधारे बीके छोटेलाल भाई ने कहा कि दादी जी उमंग-उत्साह से सभी की सेवा करती थी, मातृवत स्नेह पाकर उनसे मिलने वाले अभिभूत हो जाते थे. उनके अंदर सरलता, सादगी,प्रेम, सच्चाई-सफाई, करुणा कूट-कूट कर भरी थी. दादी जी महान थी.
समाजसेवी एचएल गुप्ता ने कहा दादी जी के मानवीय गुणों को हम अपने जीवन में धारण करने का संकल्प लें, यही दादी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. मुख्य रूप से प्रो डॉ रामजी प्रसाद, डॉ नवीन कुमार, डॉ कंचन कुमार, साहित्यकार डॉ संजय पंकज, बीके डॉ फणीश चंद्र, बीके महेश, बीके रेखा, बीके सीता, बीके रुचि, विजय प्रसाद, उदय कुमार एवं अर्जुन कुमार मौजूद रहे.
I don’t think the title of your article matches the content lol. Just kidding, mainly because I had some doubts after reading the article.