बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले पर फहराये गए धार्मिक झंडे की घटना का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि लाल किले पर जो कुछ हुआ वो निंदनीय है. बापू को याद करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि सबको अपनी बात रखने का हक है. लेकिन इसका यह मलतलब नहीं है कि आप ऐसे काम करें जो देशविरोधी हो, देशहित में ना हो. वहीं राष्ट्रीय जनता दल के मानव श्रृंखला को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी शुरुआत तो हमने ही की थी. दूसरों को भी ऐसा करने का अधिकार है.

वहीं तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर यह कहते हुए निशाना साधा है कि यह कृषि कानून देश की लगभग 80% आबादी को प्रभावित करता है.

हम महागठबंधन के लोग मजबूती से किसानों के साथ खड़े हैं. जब आरजेडी की सरकार रही तब MSP से भी अधिक दाम पर फसलों की खरीद हुई है. हम नीतीश कुमार जी से पूछना चाहते हैं कि आप चुप क्यों हैं?

दरअसल, महागठबंधन ने किसानों के समर्थन में 30 जनवरी को पूरे बिहार में मानव श्रृंखला बनाने का कार्यक्रम रखा है. इससे पहले जनता दल यूनाइटेड ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें किसानों के मुद्दे पर नहीं बल्कि अपने पिता लालू प्रसाद द्वारा अर्जित अवैध संपत्ति पर मानव श्रृंखला बनानी चाहिए.

जनता दल यूनाइटेड नेता नीरज कुमार ने तेजस्वी को ‘पॉलिटिकल टूरिस्ट’ बताते हुए सवाल पूछा कि क्या नेता प्रतिपक्ष अपनी पार्टी के ऐसे नेता जो जेल में बंद है उनको भी मानव श्रृंखला में साथ ही मानेंगे या नहीं? नीरज कुमार का इशारा तिहाड़ जेल में बंद बाहुबली नेता शहाबुद्दीन और नवादा जेल में बंद पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को लेकर है.

नीरज कुमार ने कहा कि पॉलिटिकल टूरिस्ट के कुछ राजनीतिक सलाहकार तो कैद खाने में है. मानव श्रृंखला बनाने चले हैं तो उनका समर्थन प्राप्त किया कि नहीं ? जेल में बंद आरजेडी के यह रत्न अपने सभी शागिर्द के साथ इस राजनीतिक श्रृंखला में सहभागी बनेंगे.

तेजस्वी यादव पर और आगे तंज कसते हुए नीरज कुमार ने सवाल पूछा कि उन्होंने किसानों के मुद्दे पर जेल में भी मानव श्रृंखला बने इसकी जिम्मेदारी उन्होंने जेल में बंद किस नेता को सौंपी है ?

नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों जैसे शराबबंदी और बाल विवाह को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मानव श्रृंखला बनाकर विश्व कीर्तिमान बनाया था लेकिन अब तेजस्वी यादव राजनीतिक मुद्दों पर मानव श्रृंखला बनाने का प्रपंच करना चाहते हैं.

इनपुट : आज तक

7 thoughts on “मानव श्रृंखला पर बोले नीतीश कुमार- हमने शुरूआत क़ी, दूसरों को भी है हक़”
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  2. A través del programa de monitoreo parental, los padres pueden prestar atención a las actividades del teléfono móvil de sus hijos y monitorear los mensajes de WhatsApp de manera más fácil y conveniente. El software de la aplicación se ejecuta silenciosamente en segundo plano en el dispositivo de destino, grabando mensajes de conversación, emoticonos, archivos multimedia, fotos y videos. Se aplica a todos los dispositivos que se ejecutan en sistemas Android e iOS. https://www.xtmove.com/es/how-to-track-and-read-someones-whatsapp-messages-calls-location/

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