मुजफ्फरपुर : महापौर सुरेश कुमार एवं उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला के खिलाफ सोमवार को अलग-अलग अविश्वास प्रस्ताव आ सकता है। महापौर विरोधी खेमा वार्ड तीन के पार्षद राकेश कुमार पिटू के नेतृत्व में प्रस्ताव लाएगा। जबकि महापौर समर्थक उपमहापौर के खिलाफ प्रस्ताव ला सकते हैं। प्रस्ताव पर समर्थक पार्षदों का हस्ताक्षर कराने के लिए दोनों खेमा शनिवार देर रात्रि तक सक्रिय रहे।
प्रस्ताव को लेकर नगर निगम की राजनीति गर्म हो गई है। पूरे दिन पार्षदों की गोलबंदी में दोनों खेमा लगा रहा। पर्दे के पीछे शहर की राजनीति के किगमेकर भी सक्रिय हो गए हैं, लेकिन वे अपना पत्ता अभी नहीं खोल रहे हैं। इसको लेकर राजनीति के पंडित तरह-तरह का कयास लगा रहे हैं।
रविवार को महापौर सुरेश कुमार की दूसरी पारी के कार्यकाल का दो साल पूरा हो जाएगा। इसलिए उनके खिलाफ सोमवार को प्रस्ताव लाया जा सकता है। महापौर को दो साल पूर्व भी अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था जिसमें उनकी हार हो गई थी और उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी, लेकिन उन्होंने चुनाव में फिर से जीत हासिल कर अपनी खोई कुर्सी हासिल कर ली थी। राकेश कुमार पिटू एक बार फिर उनको चुनौती देने की तैयारी में हैं। यदि उपमहापौर के खिलाफ प्रस्ताव आता है तो यह पहली बार होगा।
महापौर के समर्थक उपमहापौर के खिलाफ पार्षदों की गोलबंदी में लगे हुए हैं। इसमें उसे तीसरे मोर्चे का समर्थन मिल सकता है। हालांकि तीसरे मोर्चा के पार्षद अविश्वास प्रस्ताव में शामिल होने की बात से इन्कार कर रहे हैं। दोनों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में किगमेकर की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उनके समर्थक पार्षद जिस ओर जाएंगे वह खेमा भारी पड़ेगा। इसके अलावा महापौर का चुनाव लड़ चुके वार्ड 46 के पार्षद नंद कुमार प्रसाद साह भी अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सक्रिय हैं। उनके समर्थक पार्षद भी इस अभियान में लगे हैं कि इस बार महापौर को टक्कर देने का मौका उनको मिलना चाहिए। सबको अब सोमवार का इंतजार रहेगा। अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद समर्थक पार्षदों को अज्ञातवास पर ले जाने की तैयारी भी दोनों खेमा ने शुरू कर दी है।
Input: dainik jagran