पटना: बिहार में संचालित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की शाखाओं में सौ करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आने से हडकंप मच गया है। इस मामले के सामने आते ही पुलिस ने दो बैंक कर्मियों को हिरासत में लेकर जंच पड़ताल में जुट गई है। कहा जा रहा है कि इन बैंक कर्मियों को गबन से संबंधित फाइलों की जानकारी है। ऐसे में इनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार पुलिस के द्वारा की जा रही पूछताछ में कई सुराग मिलने की चर्चा है। इस संबंध में मुजफ्फरपुर के नगर पुलिस उपाधीक्षक राघव दयाल ने बताया कि साक्ष्य संकलन को लेकर दो कर्मियों से पूछताछ की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की लगभग 125 शाखाओं में सौ करोड़ रुपये के गबन मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
21 अक्टूबर को हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई है। इसके पहले मामला स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने एसएसपी, मुजफ्फरपुर को स्वयं मामले का पर्यवेक्षण करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसएसपी जयंतकांत को इस मामले का पर्यवेक्षण करने का निर्देश दिया। इसके लिए मामले की आगे की जांच के लिए कोर्ट से अनुमति लेने की कानूनी बाध्यता के कारण पुलिस की ओर से कोर्ट में अर्जी दाखिल करनी पड़ी।
कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद वरीय पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले के सूचक नवनीत कुमार से उन्होंने कई बिंदुओं पर जानकारी ली। इसके बाद बैरिया स्थित बैंक की शाखा में जाकर वहां फाइलों को खंगाला। बताया जाता है कि बैंक के पूर्व आडिटर नवनीत कुमार ने कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था।
परिवाद की सुनवाई के बाद कोर्ट ने काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसमें बैंक के पूर्व अध्यक्ष इंद्रमोहन उतरेजा, महाप्रबंधक महेंद्र कुमार, मुख्य प्रबंधक कार्मिक रमेश कुमार, मुख्य महाप्रबंधक राजन कुमार गुप्ता, क्षेत्रीय प्रबंधक रियाजुद्दीन अहमद, अनूप कुमार झा क्षेत्रीय अधिकारी रमेश कुमार मिश्रा व बीएम मोहित सहित आठ को नामजद आरोपित बनाया गया है। प्राथमिकी में कहा गया कि बैंक की 125 शाखाओं की आंतरिक आडिट की गई। इसमें सौ करोड़ से अधिक की राशि की गबन का पता चला है।
Input : Lokmat news