बता दें कि 20 मई 1950 को उत्तर प्रदेश विधान सभा का गठन हुआ था. इन 71 सालों में प्रदेश को 21 मुख्यमंत्री मिले. लेकिन जो रिकॉर्ड योगी लिखने जा रहे हैं, वो कोई नहीं लिख सका. योगी 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले BJP के पहले मुख्यमंत्री भी हैं. भाजपा शासन में पहली बार ऐसा हुआ, जब 5 साल तक एक ही व्यक्ति ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है.

योगी ने नोएडा फैक्टर को तोड़ा

इस चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने अकेले कई रिकॉर्ड बनाए हैं. वो 34 साल से चल रहे नोएडा फैक्टर को तोड़ कर जीत हासिल करने वाले मुख्यमंत्री बने हैं. इसके अलावा, ऐसा 71 साल में पहली बार हुआ है कि कोई फुल टर्म CM लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनेगा. यह भी बता दें कि योगी 15 साल में पहले मुख्यमंत्री होंगे, जो विधायक के रूप में शपथ लेंगे. उनके पहले 2007 में मायावती और 2012 में अखिलेश यादव ने विधान परिषद सदस्य रहते हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

1989 से गोरखपुर सदर पर कब्जा

योगी ने गोरखपुर सदर सीट से जीत हसिल की है, जो बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. बीते 33 साल से यहां भाजपा का प्रत्‍याशी ही चुनाव जीतता आ रहा है. यहां योगी के प्रतिद्वंद्वियों में सुभावती शुक्ला (सपा), ख्वाजा शमसुद्दीन (बसपा) और चंद्रशेखर आजाद (भीम आर्मी) शामिल थे. 1989 में यह सीट भाजपा के शिव प्रताप शुक्ला ने जीती थी, तभी से इस सीट पर भाजपा काबिज है.

किसी पार्टी ने रिपीट नहीं किया CM

उत्तर प्रदेश के चुनावी इतिहास की बात करें तो BJP ने 1997 से 2002 तक पहली बार पांच साल तक शासन किया था. हालांकि, इन 5 सालों में उसे 3 मुख्यमंत्री बदलने पड़े थे. 21 सितंबर 1997 को जब भाजपा सरकार बनी तो कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने. दो साल बाद राम प्रकाश गुप्ता को राज्य की कमान सौंप दी गई. इसके महज 351 दिन बाद राजनाथ सिंह को सीएम बना दिया गया. गौर करने वाली बात है कि यूपी में अगर किसी पार्टी ने राज्य की सत्ता में वापसी की तो उसने अपने पिछले सीएम को मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं दी, लेकिन इस बार ऐसा होने जा रहा है और एक रिकॉर्ड है.

योगी ऐसा करने वाले पहले CM

उत्तर प्रदेश की जनता के लिए यह मशहूर रहा है कि वो हर पांच साल में बदलाव करती है, मगर इस बार जनता ने फिर से भाजपा और योगी आदित्यनाथ पर विश्वास जताया. इसकी एक बड़ी वजह है कि योगी ने विकास को तवज्जो देने के साथ-साथ कई मिथक भी तोड़े. उदाहरण के तौर पर वो विधानसभा चुनाव लड़े, नोएडा की धरती पर कदम भी रखा और एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन भी किया, इससे पहले जिस भी नेता ने ऐसा किया वो सीएम नहीं बने सके.

Source : Zee News

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