नई दिल्ली. इलेक्शन कमीशन ने पांच राज्यों में चुनाव तारीख की घोषणा कर दी है. इलेक्शन कमीशन ने चुनावों संबंधी तैयारियों की भी पूरी जानकारी दी है. पांच राज्यों में 18 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे, केरल और पुडुचेरी में मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि सभी पोलिंग स्टेशनों पर मास्क, सेनिटाइजेर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जाएंगे. वरिष्ठ नागरिकों के लिए वॉलिटिंयर की तैनाती की जाएगी.
जानें बंगाल में कब-कब चुनाव
राजनीतिक रूप से सबसे गर्म माने जा रहे पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में वोटिंग की जाएगी. 294 सीटों वाली विधानसभा के लिए वोटिंग 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल , 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल, 29 अप्रैल को होगी.
पश्चिम बंगाल में भी काउंटिंग 2 मई को की जाएगी.
असम में तीन चरण में चुनावउत्तर-पूर्व के सबसे बड़े राज्य असम में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न कराए जाएंगे. राज्य में 27 मार्च को पहले चरण में 47 सीटों पर वोटिंग होगी. इसके बाद 1 अप्रैल को 39 सीटों पर दूसरे चरण और 6 अप्रैल को तीसरे चरण में 30 सीटों पर वोटिंग होगी. यहां भी काउंटिंग 2 मई को की जाएगी.
तमिलनाडु में 234 सीट पर भी एक फेज में चुनाव
दक्षिण भारत के सबसे बड़े राज्य तमिलनाडु की 234 विधानसभा सीटों पर एक फेज में चुनाव संपन्न कराया जाएगा. राज्य की सभी सीटों पर 6 अप्रैल को वोटिंग होगी. काउंटिंग 2 मई को की जाएगी.
चुनावी माहौल की बात करें तो पश्चिम बंगाल में राजनीतिक सरगर्मियां पहले से तेज हैं. राज्य में दो टर्म से लगातार सत्ता में बनी हुई तृणमूल कांग्रेस तीसरी बार भी सरकार बनाने के दावे कर रही है. वहीं केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों को आधार बनाते हुए उत्साह से लबरेज है. बीजेपी की तरफ से लगातार दावा किया जा रहा है कि वो 294 सीटों की विधानसभा में 200 सीटें हासिल करेगी. इस बीत कई कद्दावर टीएमसी नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा है.
इनमें शुभेंदू अधिकारी सबसे कद्दावर नेता माने जा रहे हैं. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक ममता को इसका नुकसान हो सकता है. हालांकि खुद ममता बनर्जी की तरफ से कहा जा चुका है उन्हें इसका कोई नुकसान नहीं होने जा रहा है. यहां तक कि उन्होंने शुभेंदू अधिकारी के गढ़ कहे जाने वाले नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की रणनीतिक घोषणा भी कर दी है.
वहीं पश्चिम बंगाल के पड़ोसी राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी 2016 में मिली ऐतिहासिक सफलता को दोहराने के दावे कर रही है. विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से सीएए के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जा रहा है. तमिलनाडु में बीजेपी सत्तारूढ़ एआईडीएमके के साथ है. वहीं केरल में पिनराई विजयन एक बार फिर एलडीएफ को सत्ता में वापस लाने की कोशिश करेंगे. पॉन्डिचेरी में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच चुनाव रोचक होने की संभावना है.
Input : News18