पिछले एक हफ्ते से सुर्खियों में छायी एक बड़ी घटना और उसको लेकर शहर में जारी राजनीतिक-सांगठनिक प्रतिवाद का दौर गुरुवार को थम गया। शहर से सटे दीघरा रामपुर साह इलाके से अपहृत छात्रा को सदर थाने की पुलिस दिल्ली के वजीराबाद से बरामद कर शहर ले आयी। उसे शाम करीब साढ़े चार बजे सीजेएम की कोर्ट में पेश किया गया।
सीजेएम मुकेश कुमार ने मामले की सुनवाई के बाद प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी शैलेंद्र कुमार राय के पास लड़की को बयान के लिए भेजा। छात्रा का बयान दर्ज होने के बाद उसे सीलबंद कर सीजेएम के पास भेज दिया गया है। अब आगे की कार्रवाई सीलबंद लिफाफा खुलने के बाद होगी। फिलहाल छात्रा को सुरक्षार्थ नगर थाने के हवाले किया गया है। वहीं, आरोपित युवक को सदर थाने के हाजत में रखा गया है। लड़की की बरामदगी के बाद पुलिस महकमे की बेचैनी घटी है।
इससे पहले सदर थाने की पुलिस टीम छात्रा को दिल्ली में एक किराये के मकान से बरामद करने के बाद कड़ी सुरक्षा में लेकर मुजफ्फरपुर चली थी। शहरवासियों व इस कांड को लेकर आंदोलनरत विभिन्न दलों और संगठनों की नजर पुलिस की आज की कार्रवाई पर टिकी थी। पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। नगर थाना के अलावा काजी मोहम्मदपुर थाने की पुलिस और विशेष बल को कोर्ट परिसर की निगरानी में लगाया गया था। पुलिस के मुताबिक दो सितंबर को दीघरा के किराना व्यवसायी की बेटी आरोपित लड़के संग घर से चली गई थी।
पिता ने करायी थी डकैती व अपहरण की एफआईआर :
किराना व्यवसायी ने घर में लूटपाट, डकैती और बेटी को अगवा कर ले जाने का केस दर्ज कराया था। इसमें आधा दर्जन अज्ञात को आरोपित किया गया था। इस केस के प्रकाश में आते ही लोग पुलिस पर मामले में शिथिलता और लापरवाही बरतने का आरोप लगाते सड़क पर उतर गये थे। पहले दिन ही एनएच-28 को करीब आठ घंटे तक जामकर विरोध प्रदर्शन किया गया था। राजनीतिक दलों की सरगर्मी बढ़ने के साथ महिला आयोग ने भी इस कांड को संज्ञान में लिया। आयोग की अध्यक्ष दिलमणिम मिश्रा और सदस्य नीलम सहनी की टीम भी मुजफ्फरपुर पुलिस की पूरी कार्रवाई की जानकारी लेने शहर पहुंची थी।
दीघरा कांड में गायब बताई गई छात्रा को दिल्ली से स्थानीय पुलिस बरामद कर ले आयी है। उसे न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। लड़की तत्काल पुलिस अभिरक्षा में है। आरोपित लड़का भी हिरासत में है। पुलिस नियमानुसार आगे की कार्रवाई करेगी : एसएसपी जयंतकांत
Input : Hindustan