विशेष कोर्ट ने गुरुवार को उसे दोषी ठहराया था। शुक्रवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई।

20 हजार रुपये देना होगा जुर्माना नहीं देने पर भुगतना होगा तीन माह का अतिरिक्त कारावास। दो साल पहले सरैया थाना क्षेत्र में हुई थी घटना। सुनवाई के बाद विशेष पाक्सो कोर्ट ने सुनाई सजा। युवक के पिता को विशेष कोर्ट ने कर दिया था बरी ।

मुजफ्फरपुर, शादी का झांसा देकर दुराचार के बाद किशोरी के बिनब्याही मां बनने के मामले में मोतीपुर के महमदपुर के दीपक पासवान को सात साल कारावास की सजा सुनाई गई है। उसे 20 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा। जुर्माना नहीं देने पर उसे तीन माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। मामले के सत्र-विचारण के बाद एडीजे-सात व विशेष पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश दीपक कुमार ने उसे दुराचार व पाक्सो की धारा के तहत दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई है। विशेष कोर्ट ने गुरुवार को उसे दोषी ठहराया था। शुक्रवार को विशेष कोर्ट में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई। विशेष कोर्ट ने उसके पिता धर्मनाथ पासवान को बरी कर दिया था। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो) अजय कुमार ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य रखे। घटना के समर्थन में कोर्ट के समक्ष सात गवाहों को पेश किया।

यह है मामला

घटना दो साल पहले सरैया थाना क्षेत्र के एक गांव की है। दीपक उस गांव में जीजा के यहां रहता था। इसी दौरान किशोरी से उसका संपर्क हुआ। शादी का झांसा देकर उसने किशोरी के साथ दुराचार किया। इससे वह गर्भवती हो गई। इसके बाद जब किशोरी ने शादी का दबाव बनाया तो दीपक ने इन्कार कर दिया। किशोरी के बयान पर 16 अगस्त 2019 को सरैया थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें दीपक और उसके पिता धर्मनाथ पासवान सहित आधा दर्जन लोगों को आरोपित बनाया गया था। पुलिस ने चार अन्य आरोपितों के खिलाफ जांच जारी रखते हुए 29 जनवरी 2020 को दीपक व धर्मनाथ पासवान के खिलाफ विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। मामला सामने आने पर पंचायत बुलाई गई। इसमें किशोरी के स्वजनों ने दोनों की शादी कराने का दबाव बनाया। इससे विवाद हो गया। युवक के स्वजनों ने किशोरी व उसके स्वजनों के साथ मारपीट की थी।

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