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मध्य प्रदेश के गुना जिले में काले हिरण के शिकारियों ने 3 पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जवाबी कार्रवाई में मुठभेड़ के दौरान एक शिकारी मारा गया. वहीं घटना की देर शाम एक और आरोपी का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था. कुल 8 आरोपियों में से अब तक 2 मारे जा चुके हैं. 2 गिरफ्तार कर लिए गए और बाकी 4 की तलाश जारी है. सोमवार को पुलिस ने आरोपी नौशाद के पिता को सबूत मिटाने के आरोप में अरेस्ट कर लिया. बारातियों को काले हिरण का मांस खिलाने की थी तैयारी…

सबसे पहले इस घटना के कारण की बात करते हैं. दरअसल बिदोरिया गांव के नौशाद के घर भतीजी की शादी थी. बारात में तमाम खास मेहमान आने थे और उनको लजीज पकवान खिलाने की तैयारी हुई. बारातियों को काले हिरण का मांस भी परोसा जाना था. इसी के लिए नौशाद अपने भाई शहबाज समेत अन्य परिजनों के साथ शहरोक-मौनबाड़ा के जंगल पहुंचा. क्योंकि वह इस इलाके से वाकिफ था. गुना के आरोन थाना इलाके में आने वाले इस जंगल में शनिवार तड़के उन्होंने 4 काले हिरण, एक मादा हिरण और एक मोर का शिकार कर लिया.

वन्य जीवों के शिकार किए जाने की खबर पर स्थानीय थाने के पुलिसकर्मी जंगल पहुंचे. जहां रात के अंधेरे में उनकी शिकारियों से मुठभेड़ हो गई. दोनों तरफ से हुई फायरिंग में एसआई राजकुमार जाटव, कॉन्स्टेबल नीरज भार्गव और संतराम मीणा मौके पर ही शहीद हो गए. वहीं हमले में एक जवान और गाड़ी का ड्राइवर घायल हो गए.

गुना एसपी राजीव कुमार मिश्रा के मुताबिक, रात को हुई इस मुठभेड़ में एक आरोपी नौशाद गोली लगने से घायल हो गया. साथी शिकारी उसे अपने साथ बिदौरिया गांव ले गए. उधर, सूचना मिलते ही पुलिस ने राघौगढ़ जिले के इस गांव को घेर लिया था. सर्च ऑपरेशन चलाया तो एक घर से मुठभेड़ में घायल हुए नौशाद की लाश बरामद हुई. इसी के कुछ देर बाद दूसरे प्रमुख आरोपी शहबाज को भी पुलिस टीमों ने एनकाउंटर में मार गिराया.

पुलिस ने डाला डेरा, गांव में पसरा सन्नाटा

इस कांड के बाद बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों ने बिदौरिया गांव में डेरा डाल लिया है. आरोपियों के परिजन समेत दूसरे लोग अपने-अपने घर छोड़कर भाग निकले हैं. पूछताछ के लिए कई रिश्तेदारों और परिजनों को पुलिस ने उठा लिया है. वहीं, आरोपियों के परिवार में होने वाली शादियां नहीं हो पाईं. उधर, प्रशासन ने एक्शन लेते हुए पांच आरोपियों के घर गिरा दिए हैं.

2 मारे गए, 2 गिरफ्तार और बाकी 4 की है तलाश

पुलिस अफसर ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि नौशाद और शहबाज पेशेवर शिकारी नहीं थे. घर में शादी की दावत के लिए वन्य जीवों का शिकार करने के लिए गए थे. शहबाज ही इस अपराध का मुख्य आरोपी था और उसके पास से पुलिस ने लाइसेंसी 12 बोर की बंदूक बरामद की है. इस वारदात में कुल 8 लोगों को आरोपी बनाया गया है. नौशाद और शहबाज मारे जा चुके हैं और दो अन्य सोनू और जिया गिरफ्तार हो चुके हैं जबकि 4 आरोपियों की अभी तलाश जारी है.

एनकाउंटर की कहानी शुरू

पुलिस कप्तान राजीव कुमार मिश्रा ने बताया, पूरे घटनाक्रम में 2 आरोपी जिया खान और सोनू खान को हिरासत में लिया गया था. पूछताछ के लिए आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाया जा रहा था, जिसके बाद दोनों को कोर्ट में पेश करना था. इसी बीच जिया खान ने पुलिस वाहन की स्टीयरिंग को पकड़ लिया, जिससे गाड़ी सड़क किनारे खाई में जा गिरी. गाड़ी फंसते ही दोनों बदमाश युवक भागने लगे. पुलिस टीम ने मालोनी के जंगल में भागते आरोपियों का पीछा किया और रुकने की चेतावनी दी. जब बदमाश नहीं माने तो उनके दाहिने पैरों में गोली मार दी गई. जिन्हें उपचार के बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा.

बुलडोजर से ढहा दिए आरोपियों के घर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीनों शहीद पुलिकर्मियों के परिजनों को 1-1 करोड़ की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया. साथ ही संभाग के आईजी अनिल शर्मा को हटा दिया. इस घटना के बाद अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई के लिए पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए. इसके बाद पुलिस ने आरोपी शहबाज को तो मारा ही, साथ ही आरोपियों के मकानों को भी बुलडोजर से ढहा दिया. फिलहाल बाकी 4 आरोपियों की पुलिस टीमों को सरगर्मी से तलाश है. तकरीबन 100 से ज्यादा जवान पुलिसकर्मियों के हत्यारों की सर्चिंग में जुटे हैं.

एनकाउंटर पर उठाए सवाल, याचिका दायर

उधर, पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद एनकाउंटर में मारे गए शिकारियों के मामले को लेकर जिला अदालत में याचिका दायर की गई है. जिसमें कहा गया है कि पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है. अगर एनकाउंटर की जगह आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जाती तो वन्यजीवों के शिकार और तस्करी से जुड़े ताकतवर लोगों के राज खुल सकते थे. संभवत: पुलिस ने इसलिए कथित एनकाउंटर किया. इस मामले में न्यायिक जांच होना चाहिए. CJM कोर्ट ने याचिका को स्वीकृत कर लिया है.

राजनीति भी शुरू

शिकारियों के एनकाउंटर के बाद आरोप प्रत्यारोपों के दौर शुरू हो गए हैं. मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने शिकारियों का कनेक्शन दिग्विजय सिंह से जोड़ दिया है. शर्मा ने दिग्विजय सिंह पर आरोपियों को संरक्षण देने के आरोप लगाए हैं. वहीं पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बयान देते हुए शिकारियों का कनेक्शन दिग्विजय सिंह के किले से जोड़ दिया है. महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि राघोगढ़ किले के पीछे ही शिकारियों का गांव है. ये शिकारी दिग्विजय सिंह के खानसामे से भली भांति जुड़े हुए हैं.

जयवर्द्धन सिंह ने किया पिता का बचाव

पूर्व मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने अपने पिता दिग्विजय सिंह का बचाव करते हुए बयान दिया है कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने जो आरोप उनके पिता पर लगाए हैं वो निराधार हैं,. भाजपा के गुना के उपाध्यक्ष हीरेन्द्र सिंह बंटी बना की फोटो आरोपियों के साथ देखी गई है जिसे कांग्रेस ने सार्वजनिक भी किया है.

इनपुट : आज तक

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