मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। शहर की हवा एक तरह से जहरीली हो गई है। प्रदूषण का ग्राफ दीपावली के बाद लगातार रेड जोन में चल रहा है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदूषण एक्यूआई 303 पर रहा। शुक्रवार को एक्यूआई 306 पर रहा। हलांकि शुक्रवार की अपेक्षा शनिवार को ग्राफ थोड़ा कम जरूर हुआ लेकिन मानक से उपर रहा। इस बीच सुबह में मिठनपुरा, सिकन्दरपुर, ब्रहम्पुरा इलाके में सुबह में सड़क पर कहीं-कहीं राख दिखी। सुबह में सांस लेने में भी परेशानी की शिकायत लोगों ने की। जिला स्कूल में टहलने पहुंचे मुकेश कुमार ने बताया कि सुबह जब मिठनपुरा इलाके से निकले तो सांस लेने में थोड़ी समस्या हुई। इस तरह की बात नीता कुमारी ने कही। सदर अस्पताल के मेडिसीन विशेषज्ञ डा.एसके पाण्डेय ने कहा कि इधर दो दिन से सांस लेने की समस्या की बात लेकर मरीज आ रहे है। उन्होंने कहा कि कचरा को इधर उधर नहीं जलाए। उसको नगर निगम के कूडेदान में ही डाले। पिछले साल 2020 में दीपावली के बाद एक्यूआई औसत 362 पर पहुंच गया था। इस साल उससे कम है। लेकिन मानक के हिसाब से ज्यादा है।
लाकडाउन के समय अचानक नीचे आया था ग्राफ
राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल का सबसे अधिक यानी लॉकडाउन के बाद प्र्रदूषण का ग्राफ लॉकडाउन के समय से नौ गुना अधिक है। लॉकडाउन के दौरान एक्यूआई 37 तक आ गया था। लेकिन इधर बरसात खत्म होने के साथ ही प्रदूषण का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है।
चार नवम्बर के बाद से लगातार बढ रहा ग्राफ
जानकारी के अनुसार, चार नवंबर को 285 एक्यूआइ और पांच नवंबर को 306 एक्यूआइ पर रहा। पटाखों से निकलने वाली सल्फर डाइआक्साइड और नाइट्रोजन आक्साइड गैस के कारण वायु के प्रदूषण का स्तर अचानक बढ़ गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े के अनुसार, ग्राफ दो दिनों के अंदर अचानक बढ़ा।
प्रदूषण का यह रहा ग्राफ
– तिथि—-मानक
तीन नवंबर—244 एक्यूआइ
चार नवंबर—285 एक्यूआइ
पांच नवंबर—306 एक्यूआइ
छह नवंबर–303 एक्यूआई
वायु गुणवत्ता का यह है मानक
शून्य से 50 के बीच के एक्यूआइ को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को मध्यम, 201 से 300 के बीच को खराब, 301 से 400 के बीच को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में माना जाता है।
इनपुट : जागरण