MUZAFFARPUR: खबर मुजफ्फरपुर से आ रही है जहां 740 अस्पताल कर्मियों को हटाने के आदेश को सिविल सर्जन ने वापस ले लिया है। कर्मियों के हंगामे और लाठीचार्ज के बाद 740 कर्मियों की बहाली निरस्त करने के आदेश को वापस लिया गया है। अब हटाए गये सभी कर्मी 26 जुलाई तक काम करेंगे।

कोरोना को लेकर 740 पदों पर मानवबल की हुई बहाली को रद्द कर दिया गया था। डीएम प्रणव कुमार के आदेश पर सिविल सर्जन डा. एसके चौधरी ने नियुक्ति तिथि से नियोजन को रद्द किया था। तीन महीने तक के लिए इनकी बहाली हुई थी। जिसे रद्द किया गया था। इस आदेश के बाद से कोरोना टीकाकरण में सहयोग कर रहे मानवबलों में हड़कंप मचा हुआ था।

कर्मियों के आंदोलन और लाठीचार्ज के बाद सिविल सर्जन ने अपना निर्णय बदलते हुए फिर से उन्हें काम पर रख लिया गया। हंगामा कर रहे लोगों की नौकरी अब फिर से बहाल कर दी गयी है। अब 26 जुलाई तक सभी कर्मी काम करेंगे।

गौरतलब है कि मानवबल की बहाली में सदर अस्पताल के डाटा ऑपरेटर धर्मेंन्द्र कुमार ने एएनएम पद की एक अभ्यर्थी से बहाली के नाम पर तीस हजार रुपये की मांग की थी। जिसके बाद बहाली में वसूली का यह ऑडियो तेजी से वायरल हो गया था। जिसके बाद ही यह कार्रवाई की गयी थी। सदर अस्पताल और पीएचसी के लिए हुई बहाली को रद्द कर दिया गया था। DDC के नेतृत्व में SDO पूर्वी एवं ADM ने वायरल ऑडियो की जांच की। जांच कमेटी ने डीएम को नियोजन में गड़बड़ी होने की जानकारी दी। जिसके बाद डीएम प्रणव कुमार ने सिविल सर्जन को नियोजन को रद्द करने का निर्देश दिया था। बहाली निरस्त होने के बाद कर्मियों ने जमकर हंगामा मचाया था। इस दौरान कर्मियों पर लाठीचार्ज की गयी थी। इनके आंदोलन के बाद सिविल सर्जन ने बहाली निरस्त करने के आदेश को वापस ले लिया।

इनपुट : फर्स्ट बिहार

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