लंगट सिंह कॉलेज में संस्थापक बाबू लंगट सिंह की जन्म जयंती समारोहपूर्वक मनाई गई. समारोह की शुरुआत महाविद्यालय परिसर में अवस्थित बाबू लंगट सिंह की प्रतिमा पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण कर किया गया. बाबू लंगट सिंह को श्रद्धांजलि देते प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश राय ने वर्तमान शिक्षा परिदृश्य से जोड़ते हुए कहा कि वे ऐसे स्वपनदर्शा थे जो समय से आगे की सोंचते थे और उन्होंने लंगट सिंह कॉलेज की स्थापना कर शिक्षा के क्षेत्र अमूल्य योगदान दिया है. बाबू लंगट सिंह का व्यक्तित्व और कृतित्व एक अमूल्य धरोहर है .
उन्होंने कहा कि इस कॉलेज का सुनहरा इतिहास रहा है, इस वजह से मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मोतिहारी ही नही, बिहार के दूर-दराज के छात्रों के लिए आज भी लंगट सिंह कॉलेज में पढ़ाई करने का मौका मिलना एक स्वप्न पूरा होना जैसा लगता है. वैसे समय में जबकि गुरु-शिष्य परंपरा लुप्तप्राय होती जा रही है, आज भी प्रतिभाओं का तराशना, उनको उनके लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित करना और उच्चस्तरीय शैक्षणिक सुविधा सुनिश्चित करना ही कॉलेज का उद्देश्य है.

प्रो राय ने कहा उच्चस्तरीय शैक्षणिक मानदंड पर खरा उतरना, जिन उद्देश्यों और सपनो को लेकर उन्होंने कॉलेज खोलने का निर्णय लिया था उसको पूरा करने में भूमिका निभाना और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित करना ही बाबू लंगट सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. प्रो राय ने कहा विगत पांच वर्षो में कॉलेज की इन्फ्रास्ट्रक्चर , शैक्षणिक गुणवत्ता और कैम्पस रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया गया है. वर्तमान में भी सरकार और अन्य सहयोग से इ लाइब्रेरी भवन का निर्माण, कॉलेज चहारदीवारी, स्मार्ट क्लास रूम सहित अन्य परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है.
प्रो राय ने कहा कि न सिर्फ पढ़ाई में बल्कि सभी क्षेत्रों में कॉलेज के छात्र उम्दा प्रदर्शन करे, उनका सर्वांगीण विकास हो ऐसा प्रयास विगत वर्षो में किया गया है. कार्यक्रम को नित्यानंद शर्मा, प्रो गोपालजी, प्रो ओपी रमण, डॉ नवीन कुमार, संजीव कुमार शर्मा, सुखदेव ओझा, मनीष माधव, केशव कुमार मिंटू, आदि ने भी संबोधित किया. मंच संचालन राजेश चौधरी ने किया. मौके पर कॉलेज के शिक्षक तथा कर्मी, साथ ही राष्ट्रीय भूमिहार ब्राह्मण परिषद के सदस्य डॉ नवनीत शांडिल्य, राजवर्धन, गणेश प्रसाद सिंह, सुरेन्द्र कुमार, अनिल कुमार सिंह, उमा चौधरी आदि मौजूद रहे।