पटना: धन्ना सेठ बनने का सपना लेकर सरकारी सेवा में आए समस्तीपुर के सब रजिस्ट्रार मणि रंजन पर मानो काली कमाई करने का जुनून सवार था। सेवा रहते हुए करोड़ों की काली कमाई तो की ही कमाई छिपाने के लिए अलग-अलग निवेश भी किए। काली कमाई कितनी रही होगी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ये मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा में 21 कमरों का एक होटल विनायक बनवा रहे हैं। होटल में कितना निवेश किया गया विशेष निगरानी इकाई इसका मूल्यांकन कर रही है।

सब रजिस्ट्रार मणि रंजन ब्रह्मपुरा में बनवा रहे 21 कमरों का होटल विनायक
– काली कमाई का बड़ा हिस्सा निर्माणाधीन होटल पर किया खर्च
– पारस माल में इनकी 22 लाख की दुकान भी जहां चल रहे सैलून
साल 2019 में शुरू हुआ था काम

विशेष निगरानी इकाई से मिली जानकारी के अनुसार ब्रह्मपुरा में विनायक नाम के होटल का निर्माण 2019 में प्रारंभ किया गया था। होटल करीब-करीब तैयार है। अपनी अवैध कमाई को सफेद करने के लिए आरोपी मणि रंजन ने पारस माल में 22 लाख रुपये की दुकान भी ली जिसमें फिलहाल दो सैलून चल रहे हैं। इनकी कटिहार में भी तीन दुकानें हैं। एसवीयू सूत्रों ने बताया कि अभियुक्त के पटना आवास से स्टेट बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक, स्टैंर्ड चार्टड बैंक की कई पास बुक भी बरामद की गई है। कई फिक्स डिपाजिट भी हैं। भारतीय जीवन बीमा की जो पालिसी इन्होंने ले रखी है उसका प्रीमियम ही करीब पांच लाख रुपये भरा जाता है।

तीन ठिकानों पर छापेमारी

गौरतलब है कि शुक्रवार को एसवीयू ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में समस्तीपुर के सब रजिस्ट्रार मणि रंजन के तीन ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 60 लाख रुपये की नकदी के साथ उनकी करोड़ों रुपये की संपत्ति का पता चला। 2010 में सरकारी सेवा में आए मणि रंजन की दो वर्ष की प्रशिक्षण अवधि को छोड़ दिया जाए तो नौ साल में इन पर 15 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई करने के आरोप लगे हैं।

एक दिन पहले ही दर्ज हुई मणि रंजन पर प्राथमिकी

मणि रंजन की अवैध कमाई के तमाम साक्ष्य जुटाने के बाद 16 दिसंबर को इनके खिलाफ विशेष निगरानी थाने में 1.62 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में पीसी एक्ट और आइपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत इन पर मुकदमा किया गया। विशेष कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद शुक्रवार को पटना, मुजफ्फरपुर के साथ समस्तीपुर में इनके ठिकानों पर छापेमारी की गई।

इनपुट : जागरण

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