बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड के रेवाघाट स्थित नारायणी नदी के तट पर दाह संस्कार को लेकर शवों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। आम दिनों की अपेक्षा पिछले एक पखवाड़े से शवों के दाह संस्कार की संख्या में पांच गुना से अधिक वृद्धि हुई है। इससे घाट पर तरबूज सहित अन्य सब्जियों की खेती करने वाले किसानों में दहशत है।

रेवाघाट के डोम राजा विनोद मल्लिक ने बताया कि सोमवार की शाम से मंगलवार की शाम तक 24 घंटे में 50 शव रेवाघाट पर अंतिम संस्कार के लिए लाया गया। उनमें कुछ शव प्लास्टिक में भी लपेटा हुआ था। समाजसेवी गणिनाथ सहनी, रेवाघाट के किसान विपत पासवान, फेंकन सहनी, गणेश सहनी, मुन्ना सहनी, राजू सहनी आदि ने बताया कि इनदिनों काफी संख्या में रेवाघाट में शव का दाह संस्कार होने से घाट पर गंदगी का अंबार लगा है।

बीडीओ व विधायक ने कोरोना मृतक के शव को दिया कंधा
सरैया प्रखंड के उत्तरी क्षेत्र के एक गांव में सोमवार को एक अधेड़ की कोरोना से मौत हो गई। सोमवार की पूरी रात शव घर में पड़ा रहा। मृतक के घर में बच्चे व बेबस पत्नी थी। मंगलवार की सुबह शव वाहन और जेसीबी के साथ बीडीओ डॉ. भृगुनाथ सिंह पहुंचे और दाह-संस्कार की तैयारी शुरू कराई। विधायक अशोक कुमार सिंह, समाजसेवी किशोर कुणाल, जिला पार्षद पति विजय कुमार, मुखिया अशफाक आलम, पूर्व मुखिया प्रेमशंकर सिंह ने भी सहयोग किया। बीडीओ, किशोर कुणाल व मृतक के पुत्र ने पीपीई किट पहन विधायक अशोक कुमार सिंह के साथ शव को कंधा दिया। इसके बाद दाह-संस्कार किया गया।

इनपुट : हिंदुस्तान

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