बिहार की नीतीश सरकार ने पीएमजीएसवाई और एमएमजीएसवाई के तहत ग्रामीण सड़कों के निर्माण में लगे 91 ठेकेदारों के नाम काली सूची में डालने (ब्लैकलिस्ट) समेत अन्य 1490 लोगों को भी प्रतिबंधित कर दिया है। ग्रामीण निर्माण विभाग (आरडब्ल्यूडी) मंत्री जयंत राज ने कहा कि यह कार्रवाई इन ठेकेदारों द्वारा परियोजनाओं को समय पर पूरा नहीं करने तथा कुछ मामलों में समझौते के नियमों और शर्तों का पालन नहीं करने पर की गयी है।

आरडब्ल्यूडी मंत्री ने बताया कि काली सूची में डाले गये और प्रतिबंधित ठेकेदारों ने न केवल समझौते का उल्लंघन किया बल्कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (एमएमजीएसवाई) और ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना (जीटीएसएनवाई) के तहत ग्रामीण सड़कों से संबंधित कार्यों में तेजी लाने के सरकार के बार-बार अनुरोध को भी नजरअंदाज कर दिया।

उन्होंने कहा कि काली सूची में डाले गए 91 ठेकेदार और प्रतिबंधित किए गए अन्य 1490 लोग राज्य सरकार के आरडब्ल्यूडी के साथ पंजीकृत थे। मंत्री ने बताया कि राज्य में आरडब्ल्यूडी के साथ सूचीबद्ध लगभग 8000 ठेकेदार हैं। उन्होंने कहा कि 2021-22 की उक्त परियोजनाओं से संबंधित इन ठेकेदारों की प्रदर्शन रिपोर्ट के आधार पर उन्हें प्रतिबंधित करने और काली सूची में डालने का निर्णय लिया गया था। परियोजनाओं को समय पर पूरा नहीं करना अपने आप में एक प्रकार का भ्रष्टाचार है, क्योंकि इससे लागत में वृद्धि होती है और राजकोष पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ता है।

मंत्री ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार के खिलाफ ”जीरो टॉलरेंस” की नीति है। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई, एमएमजीएसवाई और जीटीएसएनवाई योजनाओं के तहत ग्रामीण सड़कों का निर्माण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आरडब्ल्यूडी जल्द ही राज्य में इन योजनाओं के तहत नई 10186 ग्रामीण सड़कों (कुल लंबाई लगभग 11446 किलोमीटर) का निर्माण कार्य शुरू करेगा।

मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के गांवों को हर मौसम में ग्रामीण सड़कों से जोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 45672 बस्तियों को केंद्र प्रायोजित प्रमुख योजना पीएमजीएसवाई के तहत और बाकी 22450 बस्तियों को विभिन्न राज्य योजनाओं के तहत कवर किया गया है।

Input : live hindustan

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