नेपाल के तराई क्षेत्र और उत्तर बिहार के मैदानी इलाकों में लगातार बारिश से दशा बिगड़ते जा रहे हैं। इन इलाकों की सभी नदियों में उफान है व कई तो खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नदियों के किनारे बने तटबंधों पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। बिहार के जल संसाधन विभाग ने कई जिलों में तटबंध पर दबाव बढ़ने के बाद अलर्ट जारी कर दिया है। ऐसे में इन नदियों की जद में आने वाले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वहीं जल संसाधन विभाग ने बाढ़ से सुरक्षा संबंधी सूचना के लिए टॉल फ्री नं। 18003456145 जारी किया है। बताते चलें कि राज्य भर में भारी बारिश की चेतावनी को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने NDRF व SDRF की टीमों को तैयार रहने को बोला है।
उत्तर बिहार और नेपाल में भारी वर्षा का असर नदियों पर दिखने लगा है। बागमती नदी पांच स्थानों पर लाल निशान को पार कर गई है। कमला के अलावा लालबकेया नदी भी शुक्रवार को सीमा लांघ गई है। कोसी का डिस्चार्ज इस वर्ष के ऊच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। मौसम विभाग ने 12 जुलाई तक बागमती बेसिन में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इससे बिहार के 14 जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न होने की आशंका जताई गई है। अगर ऐसा हुआ तो कम से कम 50 लाख की आबादी बाढ़ संकट में फंस सकती है। हालांकि प्रभावितों की संख्या इससे कहीं अधिक होगी। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी का डिस्चार्ज शुक्रवार को बराह क्षेत्र में 2.22 लाख और बराज पर 2.36 लाख घनसेक पहुंच गया है। बागमती नदी ने सारी सीमा तोड़कर सीतामढ़ी में चार और मुजफ्फरपुर के एक स्थान पर लाल निशान से ऊपर पहुंच गई है। सीतामढ़ी के ढेंग में एक मीटर 27 सेमी यह नदी ऊपर चली गई है। मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में भी यह नदी लाल निशान से 29 सेमी ऊपर है। लेकिन दरभंगा के हायाघाट में अब भी यह नीचे बह रही है। कल तक अपनी सीमा में बह रही लालबकेया नदी भी शुक्रवार को पूर्वी चम्पारण में लाल निशान को क्रास कर गई है। कमला नदी झंझारपुर और जयनगर में दोनों स्थानों पर क्रमश: 45 आश्रै 90 सेमी लाल निशान से ऊपर है। इसके अलावा सभी नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। विदित हो कि गंगा का जलस्तर में पटना में बढ़ी है लेकिन अभी यह नदी लाल निशान से नीचे है। गंडक के जलस्तर में वृद्धि की आशंका को देखते हुए पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज व सारण के अधिकारियों को अलर्ट किया गया है। गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद मोतिहारी-शिवहर मार्ग अवरुद्ध हो गया है।
भारी वर्षा और वज्रपात की चेतावनी
मानसून की अक्षीय रेखा के हिमालय की तराई क्षेत्र की ओर शिफ्ट कर जाने के कारण बिहार के उत्तरी भाग में ज्यादातर जगहों पर भारी बारिश जारी है। इसके अलावा सूबे के दक्षिण और मध्य भाग में एक दो जगहों पर भी भारी बारिश की स्थिति बनी हुई है। अगले 48 घंटे तक उत्तर बिहार के लगभग सभी भागों में भारी बारिश और कुछ जगहों पर अत्यधिक भारी बारिश के आसार हैं। इन इलाकों में वज्रपात की भी चेतावनी जारी की गई है।
Explore new realms and achieve greatness—start now! Lucky Cola