मुजफ्फरपुर, [अमरेन्द्र तिवारी]। सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू ने जिला में अपने नए कप्तान की घोषणा कर दी है। इसके बाद मनोज कुमार कुशवाहा ने कमान संभाल ली है। लेकिन,निवर्तमान अध्यक्ष रंजीत सहनी को अचानक हटाए जाने से पार्टी के अंदर बगावत के स्वर फूट पड़े हैं। एक के बाद एक इस्तीफे का क्रम शुरू हो गया है। देखने वाली बात होगी कि मनोज इस स्थिति को कैसे संभाल पाते हैं।
अतिपिछड़ा समाज में आक्रोश
राष्ट्रीय और इसके बाद प्रदेश स्तर पर जदयू ने लवकुश समीकरण को साधने के बाद अब जिलों में भी इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में मुजफ्फरपुर की कमान मनोज कुमार कुशवहा को सौंपी गई है।
माना जा रहा है कि इससे कुशवहा बिरादरी को साधना संभव हो सकेगा। इसका तत्काल प्रभाव यह देखने को मिला कि अतिपिछड़ा समाज से आने वाले निषाद समाज के साथ दल के अदर भी फूट पड़ गई है। पिछले दो दिन में दो अधिकारियाें ने इस्तीफा सौंप दिया है। वहीं दूसरी ओर से जिले के सबसे बड़े निषाद समाज के संगठन ने भी बदलाव पर नाराजगी जताते हुए कहा कि निषाद समाज एनडीए गठबंधन का कोर वोटर है इसलिए सीएम नीतीश कुमार व एनडीए नेताओं को इस पर विचार करने की जरूरत है।
सबको मनाने की चुनौती
मालूम हो कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर आरसीपी सिंह व प्रदेश अध्क्ष पद पर बदलाव के बाद जिले में बदलाव हुआ है। उसके बाद से यहां का राजनीतिक माहौल गर्म है। हलांकि नए अध्यक्ष मनोज कुशवाहा ने अपना पदभार लेने के बाद कहा कि पुराने लोगो के अनुभव व नए के सहयोग से संगठन को मजबूत करना है। अगर किसी को नाराजगी होगी तो उसको दूर किया जाएगा।
किस-किस ने दिया इस्तीफा
जनता दल यू सहकारिता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राज कुमार सहनी ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि जिलाध्यक्ष रंजीत सहनी को अचानक पद से हटाकर दूसरे को जिलाध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया है । इससे निषाद समाज में आक्रोश है। निषाद समाज अतिपिछड़ा समाज का बहुत बड़ा हिस्सा है। मैं इस घटनाक्रम से आहत होकर अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। जिला कमेटी को भी भंग कर रहा हूं। कहा, मुख्यमंत्री से आग्रह है कि निषाद समाज को फिर से अच्छा पद देकर सम्मानित करेंं। जल श्रमिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनोज सहनी ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने भी जिला कमेटी भंग करते हुए अपने दल के राष्ट्रीय व प्रदेश अध्यक्ष से इसपर विचार करने की मांग की है।
निषाद समाज की बैठक में नाराजगी
संगम चौक ब्रह्मपुरा स्थित संगठन कार्यालय में जिलाध्यक्ष महावीर सहनी की अध्यक्षता में निषाद संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई। जिसमें जदयू के जिलाध्यक्ष पद से रंजीत सहनी को हटाने को लेकर नाराजगी व्यक्त की गई। मोर्चा जिलाध्यक्ष ने कहा कि विगत विधानसभा चुनाव में निषाद समुदाय का 80 प्रतिशत वोट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पक्ष में पड़ा। समाज आज की तारीख में एनडीए का कोर वोटर है। लोकसभा व विधानसभा चुनाव में निषाद समाज का एक-एक मत एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में जा रहा है। इसके बाबजूद निषाद समाज से आने वाले जिलाध्यक्ष को हटाना समाज के मनोबल को कमजोर करने वाला कदम है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व एनडीए नेताओं से इस पर विचार कर जिले से निषाद समाज को बेहतर जवाबदेही देने की मांग की गई। बैठक में मुख्य रूप से लालबाबू साहनी, राजकुमार सहनी, परशुराम साहनी, सुधीर साहनी, विनोद साहनी, मनोज साहनी, सिपाही साहनी, दिलीप साहनी, कृष्ण कुमार साहनी, अनिल कुमार साहनी , राजनंदन साहनी, सत्येंद्र साहनी, धर्मेंद्र साहनी, राम पुकार सहनी,रामबाबू सहनी, संतलाल सहनी, जगदीश सहनी आदि उपस्थित थे ।
इनपुट : जागरण
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