मुजफ्फरपुर, नगर निगम विवाद की आंच अब सरकार तक पहुंच गई है। निगम के 48 में से 20 पार्षदों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर महापौर ई. राकेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए बर्खास्त करने की मांग की है। साथ ही नगर विधायक विजेंद्र चौधरी पर निगम के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप करने एवं विकास कार्यों में बाधा डालने का आरोप लगाया है। पार्षदों ने महापौर पर अधिकारियों को अपमानित करने एवं बैठकों में पार्षदों को बोलने से रोकने का आरोप लगाया है।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में वार्ड 46 के पार्षद नंद कुमार प्रसाद साह, पूर्व महापौर एवं वार्ड एक के पार्षद सुरेश कुमार, वार्ड 47 की पार्षद गीता देवी, वार्ड 12 की पार्षद शहनवाज खातून, वार्ड 49 की पार्षद नीलम गुप्ता, वार्ड 20 के पार्षद संजय कुमार केजरीवाल, वार्ड 15 की पार्षद अंजू कुमारी, वार्ड 41 की पार्षद सीमा झा, वार्ड 45 के पार्षद शिवशंकर महतो, वार्ड 44 के पार्षद शेरु अहमद, वार्ड 48 के पार्षद मो. हसन, वार्ड 21 के पार्षद केपी पप्पू, वार्ड आठ की पार्षद शशि देवी, वार्ड 27 के पार्षद अजय कुमार ओझा, वार्ड 39 की पार्षद मंजू देवी, वार्ड छह के पार्षद जावेद अख्तर, वार्ड 11 की पार्षद प्रमिला देवी, वार्ड 30 के पार्षद सुरभि शिखा, वार्ड 32 की पार्षद गीता देवी वार्ड 31 की पार्षद रूपम कुमारी शामिल है।

मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में पार्षदों ने कहा है कि नगर निगम एवं शहर का विकास ठप है। केंद्र एवं राज्य सरकार की मदद से शहरी क्षेत्र में चल रहे कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। विकास योजनाओं को सशक्त स्थायी समिति एवं बोर्ड की बैठकों के बीच फंसा कर रख देते हैं ताकि विकास कार्य नहीं हो, जिससे सरकार की बदनामी हो रही है। महापौर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विधायक के इशारे पर विरोधी पार्षदों एवं अधिकारियों को प्रताडि़त किया जाता है। पार्षदों ने जनहित में विकास कार्यों की गति देने एवं सरकार की बदनामी को रोकने लिए महापौर को बर्खास्त करने की मांग की है।

इनपुट : जागरण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *