PATNA : बिहार में इनदिनों सियासी घमासान मचा है. सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिलहाल दिल्ली दौरे पर हैं. बीते दिन मंगलवार को स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए सीएम नीतीश बिहार सरकार में मंत्री संजय झा के साथ दिल्ली रवाना हुए. नीतीश के दिल्ली जाने के बाद वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष और पशु एवं मत्स्य विभाग के मंत्री मुकेश सहनी ने जेडीयू के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से अकेले में मुलाकात की. दोनों के बीच उनके आवास पर काफी देर तक मीटिंग हुई.

बुधवार को जनता दाल यूनाइटेड के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक तस्वीर ट्वीट कर जानकारी दी कि मंत्री मुकेश सहनी के साथ उनके आवास पर उनकी मुलाकात हुई. कुशवाहा ने ट्विटर पर लिखा कि पटना के 24 एम, स्ट्रैंड रोड स्थित आवास पर बिहार सरकार में मत्स्य एवं पशुपालन विभाग के मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी से मुलाकात हुई.

उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी के बीच हुई इस मुलाकात को लेकर कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. क्योंकि पिछले दिनों मांझी के साथ-साथ वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने भी सरकार और एनडीए के सहयोगियों को लेकर सियासी बयानबाजी की थी. सहनी ने ट्वीट कर लिखा था कि “NDA गठबंधन के साथीगण से अनुरोध है कि अनावश्यक बयानबाज़ी से बचें एवं हम सब मिलकर बिहार की जनता से किए गए 19 लाख रोज़गार के वादा पर काम करे।”

इधर उपेंद्र कुशवाहा को लेकर भी मीडिया में ख़बरें सामने आईं कि पार्टी में उनकी उपेक्षा हो रही है. यहां तक की जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को लेकर भी कई ख़बरें सामने आईं. माना जा रहा है कि जेडीयू के भीतर में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी कुशवाहा को नजर-अंदाज कर रही है और इसका जिम्मेदार नीतीश के सबसे भरोसेमंद साथी आरसीपी सिंह को ही माना जा रहा है.

गौरतलब हो कि रविवार को हुए जेडीयू के वर्चुअल सम्मलेन में उपेंद्र कुशवाहा शामिल नहीं हुए थे. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा समेत पार्टी के कई बड़े पदाधिकारी इस बैठक का हिस्सा थे. लेकिन पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए उपेंद्र कुशवाहा को इस वर्चुअल सम्मेलन के लिए पूछा तक नहीं गया.

इस घटनाक्रम के बाद सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा तेज है कि जेडीयू कुशवाहा को तरहीज नहीं दे रही है. आरसीपी सिंह उपेंद्र कुशवाहा से संगठन या अन्य मुद्दों पर चर्चा तक नहीं करते और न ही दोनों में उतनी बनती है.

इनपुट : फर्स्ट बिहार

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