मुजफ्फरपुर नगर निगम में पिछले एक महीने से चल रही राजनीतिक उठा पटक आज समाप्त हो गई। लाख कोशिशों और जोड़ तोड़ की राजनीति के बाद भी मेयर सुरेश कुमार अपनी कुर्सी बचाने में सफल नहीं हो पाए।

जानकारी के अनुसार शनिवार को नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेयी की अध्यक्षता में मेयर पर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बैठक शुरू हुई। इसमें टाउन DSP, SDO समेत तमाम पुलिस और प्रशासन के पदाधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में कुल 39 पार्षद ही शामिल हुए थे। इन सभी से वोटिंग कराई गई। इसके बाद गिनती हुई, जिसमें से सिर्फ आठ पार्षदों ने ही मेयर के पक्ष में वोट किया। शेष 31 ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाई। इसी के साथ ये तय हो गया कि मेयर सुरेश कुमार अपनी कुर्सी नहीं बच पाएगी।

बैठक में फिर नहीं शामिल हुए मेयर, आठ पार्षद भी नहीं आए

मेयर सुरेश कुमार को इसका अंदाज़ा पहले से था कि उनकी कुर्सी नहीं बचने वाली है। डिप्टी मेयर के खिलाफ शुक्रवार को हुई बैठक में भी वे बीमार होने की बात बताकर नहीं आये थे। आज फिर खुद के विरुद्ध किए गए अविश्वास प्रस्ताव में भी वे शामिल नहीं हुए। बैठक में उनके नहीं पहुंचने पर ही चर्चा शुरू हो गयी थी। बस औपचारिकता बची थी। जो वोटिंग के बाद स्पष्ट हो गया।

अब कौन होगा मुज़फ़्फ़रपुर का अगला मेयर

ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल है कि मुज़फ़्फ़रपुर का अगला मेयर कौन होगा। इसमे दो ऐसे नाम हैं जो इस पद के प्रबल दावेदार हैं। पार्षद नन्द कुमार साह और राकेष पिंटू। इन दोनों ने मेयर पर अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद से ही क्षेत्र में फील्डिंग शुरू कर दी थी। अपने पक्ष में 25 पार्षदों को जुटाने में ये जुट गए थे। अब देखना है कि कुर्सी किसे मिलेगी।

बता दें 48 वार्ड पार्षदों में से जिसके पक्ष में 25 पार्षदों के वोट जाएगा। वही मेयर बनेगा। इसके लिए नगर आयुक्त की अध्यक्षता में फिर एक बैठक बुलाई जाएगी। वोटिंग प्रक्रिया होगी और तभी तय होगा कि अगला मेयर कौन बनेगा। बता दें कि शुक्रवार को डिप्टी मेयर के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिरा था और उनकी कुर्सी बच गयी थी। लेकिन, मेयर के मामले में ऐसा नहीं हुआ।

Input: dainik bhaskar

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