मुजफ्फरपुर – जिले के चर्चित किडनी कांड मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव तथा जिले के डीएम व एसएसपी को आयोग के समक्ष सदेह उपस्थित होने का आदेश दिया है। साथ-ही-साथ आयोग ने मुख्य सचिव व डीजीपी बिहार को आदेश का अनुपालन कराने को अधिकृत किया है।
विदित हो कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग से पीड़िता के किडनी प्रत्यारोपण पर चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट की माँग की थी। इसके साथ ही आयोग ने एसएसपी व डीएम मुजफ्फरपुर से मामले के सम्बन्ध में वर्तमान स्थिति से संबंधित रिपोर्ट की माँग की थी, जो आयोग को आजतक अप्राप्त है। सुनीता को किडनी प्रत्यारोपित किए जाने की दिशा में भी प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई सकारात्मक पहल अबतक नहीं की गई है। अतः आयोग ने मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा- 13 के तहत नोटिस जारी कर 13 नवंबर 2023 को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव तथा जिले के डीएम व एसएसपी को आयोग के समक्ष सदेह उपस्थित होने का आदेश दिया है।
मामले के सम्बन्ध में मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस. के. झा ने बताया कि पीड़िता की हालत दिनों-दिन ख़राब होती जा रही है, लेकिन आयोग के आदेश के बावजूद उसे किडनी प्रत्यारोपित किए जाने हेतु प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग द्वारा अबतक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है, जो मानवाधिकार उल्लंघन के अतिगंभीर कोटि का मामला है। उन्होंने आयोग के द्वारा उठाये गए इस कदम को आवश्यक व सराहनीय बताया है।
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