अग्निपथ योजना की ख़ास बातें
• भर्ती होने की उम्र 17 साल से 21 साल के बीच होनी चाहिए
• शैक्षणिक योग्यता 10वीं या 12वीं पास
• भर्ती चार सालों के लिए होगी
• चार साल बाद सेवाकाल में प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन होगा और 25 प्रतिशत लोगों को नियमित किया जाएगा
• चार साल बाद नियमित होने वाले जवानों को अग्निवीर कहा जाएगा
• पहले साल की सैलरी प्रति महीने 30 हज़ार होगी
• चौथे साल 40 हज़ार रुपए प्रति महीने मिलेंगे
भारतीय सेना के तीनों प्रमुखों ने सेना में छोटी अवधि की नियुक्तियों को लेकर ‘अग्निपथ’ नीति की घोषणा की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलावार को अग्निपथ से पर्दा हटाया. उन्होंने कहा कि रक्षा पर कैबिनेट कमिटी ने ऐतिहासिक फ़ैसला लिया है.
रक्षा मंत्री ने कहा, ”आज हम ‘अग्निपथ’ नामक एक परिवर्तनकारी योजना ला रहे हैं, जो हमारी सशस्त्र बलों में बदलाव लाकर उन्हें आधुनिक और बनाएगी.”
रक्षा मंत्री ने कहा, ”अग्निपथ’ योजना में भारतीय युवाओं को, बतौर ‘अग्निवीर’ सशस्त्र बलों में सेवा का अवसर प्रदान किया जाएगा. यह योजना देश की सुरक्षा को मज़बूत करने और हमारे युवाओं को सैन्य सेवा का अवसर देने के लिए लाई गई है. आप सब इस बात से ज़रूर सहमत होंगे कि संपूर्ण राष्ट्र, ख़ास तौर पर हमारे युवा सेना को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं. अपने जीवन काल में कभी न कभी प्रत्येक बच्चा सेना की वर्दी धारण करने की तमन्ना रखता है.”
राजनाथ सिंह ने कहा, ”युवाओं को यह फ़ायदा भी होगा कि उन्हें नई-नई तकनीक के लिए आसानी से प्रशिक्षित किया जा सकेगा. उनकी सेहत और फिटनेस का स्तर भी बेहतर होगा. अग्निपथ योजना के अंतर्गत यह प्रयास किया जा रहा है कि भारतीय सशस्त्र बलों का प्रोफ़ाइल उतना ही युवा हो जितना कि भारतीय आबादी का है.”
रक्षा मंत्री ने कहा, ”अग्निपथ’ योजना से रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे. अग्निवीर सेवा के दौरान अर्जित स्किल और अनुभव से उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार प्राप्त होंगे. अग्निवीरों के लिए एक अच्छी पे पैकेज, चार साल की सेवा के बाद सेवा निधि पैकेज और एक ‘मृत्यु और विकलांगता’ पैकेज की भी व्यवस्था की गई है.”
क्या है अग्निपथ योजना?
‘अग्निपथ’ के तहत सेना में युवाओं को चार साल तक काम करने के लिए मौक़ा मिलेगा. इसें जॉइन करने वाले 25 फ़ीसदी युवाओं को बाद में रिटेन किया जाएगा. यानी 100 में से 25 लोगों को पूर्णकालिक सेवा का मौक़ा मिलेगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस योजना से रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और देश की सुरक्षा मज़बूत होगी. रक्षा मंत्री ने युवाओं से अग्निवीर बनने की अपील की. अग्निवीर चार साल की सेवा के बाद रिटेन किए गए 25 फ़ीसदी सैनिकों को कहा जाएगा.
इस दौरान नेवी चीफ़ एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि इस योजना के तहत चार साल के लिए क़रीब 45000 युवाओं को भर्ती किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सेना के अग्निवीरों में महिलाएं भी शामिल होंगी.
अग्निपथ के तहत भर्ती किए गए युवाओं को आगे रिटेन होने के लिए छह महीने की ट्रेनिंग से गुज़रना होगा.
इनका वेतन 40 हज़ार रुपए के क़रीब होगा. इस योजना का एलान करते हुए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि इस योजना को सभी संबंधित पक्षों के साथ विस्तृत चर्चा और विचार विमर्श के बाद लाया गया है. अगले 90 दिनों यानी तीन माह के अंदर अग्निपथ योजना के तहत भर्तियां शुरू हो जाएंगी. नए अग्निवीरों की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच होगी.
रक्षा मंत्रालय ने कहा है, ”अग्निपथ’, थल सेना, वायु सेना और नेवी में भर्ती होने के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती योजना है. यह योजना युवाओं को सशस्त्र बलों के नियमित संवर्ग में सेवा करने का अवसर प्रदान करेगी. अग्निवीरों को प्रशिक्षण अवधि सहित 4 वर्ष की सेवा अवधि के लिए एक अच्छे वित्तीय पैकेज के साथ भर्ती किया जाएगा. चार साल के बाद 25% तक अग्निवीरों को केंद्रीयकृत और पारदर्शी प्रणाली के आधार पर नियमित किया जाएगा. 100% उम्मीदवार नियमित संवर्ग में भर्ती के लिए बतौर वॉलन्टियर आवेदन कर सकते हैं.”
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ”अग्निपथ योजना सभी अग्निवीरों को 30,000 रुपए प्रति महीने और चौथे वर्ष में 40,000 रुपए प्रति महीने तक का आकर्षक मासिक पैकेज प्रदान करेगी. चार साल पूरे होने पर सभी उम्मीदवारों के लिए एक समग्र वित्तीय पैकेज, ‘सेवा निधि’ का भी प्रावधान है.”
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की सेना को विश्वस्तरीय सेना बनाने में अग्निपथ योजना की अहम भूमिका होगी.
भारत उन देशों में से एक है, जहाँ सेना में बड़ी संख्या में लोगों को रोज़गार मिलता है. भारतीय सेना में 14 लाख लोगों को नौकरी मिली हुई है.
भारत के नौजवानों में सेना में जाने की तमन्ना बहुत लंबे समय से प्रबल रही है. भारतीय सेना से हर साल 60 हज़ार कर्मी रिटायर होते हैं. सेना इन ख़ाली पदों पर खुली भर्तियों के लिए 100 से ज़्यादा रैलियाँ आयोजित करती रही थी.
अग्निपथ योजना की आलोचना भी
अग्निपथ योजना में भर्तियों के तरीक़े तो ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ कहा जा रहा है. सिंगापुर में एस राजरत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के अनित मुखर्जी ने बीबीसी से कहा था, ”पेशेवर सैनिकों की जगह छोटी अवधि वाली सैनिक लेंगे तो इसका असर क्षमता पर पड़ेगा.”
सेंटर फोर पॉलिसी रिसर्च के सीनियर फेलो सुशांत सिंह इस प्रस्ताव से असहज हैं. वह कहते हैं कि सैनिकों में युवाओं की भर्तियां छोटी अवधि के लिए करेंगे तो वे 24 साल होते-होते फौज से बाहर हो जाएंगे. इससे देश में और बेरोज़गारी ही बढ़ेगी.
सुशांत कहते हैं, ”क्या आप वाक़ई कि बड़ी संख्या में सैन्य प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को नौकरी से बाहर करना चाहते हैं? ये युवा फिर उसी समाज में आएंगे, जहाँ पहले से ही हिंसा बढ़ी हुई है. क्या आप चाहते हैं कि ये पूर्व फौजी पुलिस और सिक्यॉरिटी गार्ड बनेंगे? मेरा डर है कि कहीं हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेने वाले बेरोज़गार युवाओं का मिलिशिया न तैयार हो जाए.”
source: bbc.com/hindi
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