हाजीपुर- सुगौली नई रेल लाइन परियोजना के तहत वैशाली व देवरिया कोठी के बीच मार्च-2023 से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकता है। इसके लिए पूर्व मध्य रेलवे के निर्माण विभाग ने कवायद तेज कर दी है। 30 किमी लंबी वैशाली व देवरिया कोठी रेलवे लाइन में 15 पुल व पांच रोड अंडरब्रिज व अन्य निर्माण कार्य के लिए निर्माण विभाग के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने टेंडर जारी किया है। पुलिस, रोड अंडरब्रिज, दीवार, यार्ड व नाला आदि निर्माण कार्य पर 58 करोड़ 56 लाख रुपये खर्च होगा। 15 दिसंबर तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।
परियोजना के प्रथम चरण के तहत घोसवर से वैशाली तक कार्य संपन्न हो चुका है। दूसरे चरण के तहत वैशाली से देवरिया कोठी तक कार्य के लिए कवायद शुरू हो गई है। 2003-2004 में परियोजना स्वीकृत की गई थी। इस परियोजना के पूरी होने से वैशाली, केसरिया, अरेराज और सुगौली के प्रसिद्ध बौद्ध स्थल जुड़ सकेंगे। परियोजना पूरी होने से वैशाली, मुजफ्फरपुर व पूर्वी चंपारण के पचास लाख लोगों को फायदा होगा। चंपारण व मुजफ्फपुर के पश्चिमी इलाके के लोग मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे बिना हाजीपुर के रास्ते आसानी से ट्रेन से पटना तक की सफर कर सकेंगे।
संसदीय समिति की समीक्षा के बाद कार्य में तेजी
संसदीय स्थायी समिति (रेलवे) ने बीते सात सितंबर को मुजफ्फरपुर व पूर्वी चंपारण का दौरा कर वैशाली- सुगौली नई रेल लाइन परियोजना की समीक्षा की थी। अधिकारियों ने सांसदों को परियोजना की प्रगति से अवगत कराया था। संसदीय स्थायी समिति के दौरे के बाद परियोजना में गति लायी गई है। परियोजना के तहत घोसवर से वैशाली तक 30 किमी लंबी रेल लाइन के निर्माण के बाद 18 सितंबर 2020 से यात्री ट्रेनें चलने लगी हैं। परियोजना पूरी होने पर मुजफ्फरपुर का सरैया, पारू व साहेबगंज प्रखंड में आधा दर्जन स्टेशनों से रेल सफर शुरू हो जाएगा।
निर्माण में देरी से चारगुनी बढ़ी लागत
हाजीपुर- सुगौली नई रेल लाइन प्रोजेक्ट की प्रारंभिक स्वीकृत लागत 528.65 करोड़ रुपये थी। निर्माण में देरी से लागत बढ़कर 2066.78 करोड़ रुपये हो गई है। भूमि की लागत 115 करोड़ से बढ़कर 999 करोड़ रुपये हो गई। मिट्टी भराई का कार्य एवं रेलवे अंडरब्रिज की संख्या में बढ़ोतरी से 194 करोड़ रुपये लागत बढ़ गई। विद्युतीकरण कार्य पर 183.41 करोड़ रुपये खर्च किया जायेगा।
Input : Live hindustan