मुजफ्फरपुर, [प्रेमशंकर मिश्रा]। ब‍िहार ड्राइ स्‍टेट है। जाह‍िर है मुजफ्फरपुर में भी शराबबंदी कानून लागूू है। लेक‍िन, हाल के द‍िनों में ज‍िस तरह से इसकी धज्‍ज‍ियां उड़ी हैं, इससे एक साथ कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। खासकर कटरा और मन‍ियारी थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से आठ लोगों की मौत और दर्जनों के अपंग होेने का मामलाा सामने आने के बाद। इन सबके बीच जब यहां के एक दारोगा शराब माफ‍िया से सौदा करते रंगे हाथ पकड़े गए तो सारा खेल लोगों के सामने आ गया। जले पर नमक यह कि तुर्की में भावी मुखिया प्रत्याशी संग चार दारू पार्टी करते पकड़े गए हैं। ऐसे में अब छुपाने के ल‍िए कुछ भी नहीं रहा।

हालांक‍ि पंचायत चुनाव से पहले शराब के कारोबार में तेजी कोई अचरज की बात नहीं है।

होली के रंग में भंग डाल सकती मिलावटी शराब

जिले में मिलावटी और जहरीली शराब का धंधा परवान पर है। बाहर से स्प्रिट मंगाकर गांव-गांव में जिस तरह भट्ठ‍ियों में देसी शराब तैयार की जा, रही वह शुभ संकेत नहीं। वहीं इस धंधे को वर्दी वालों का साथ मिल जाने से वरीय पदाधिकारियों के माथे पर शिकन आ गई है। कारण, जब भी अभियान तेज होता एक ना एक वर्दी पर दाग लग जाती। अभी पश्चिमी क्षेत्र के एक दारोगाजी शराब माफिया के साथ गठजोड़ करने में पकड़े गए। पहले भी कई दाग लग चुके हैं। यह गठजोड़ कहां तक है यह समझ पाना मुश्किल हो रहा। मगर जो स्थिति बन रही वह खतरनाक है। होली और पंचायत चुनाव कुछ ही दिनों बाद हैं। मिलावटी शराब का खेल जारी रहा तो इस पर्व के रंग में भंग पडऩे से कोई नहीं बचा सकता। अब जिम्मेदारी साहबों पर है…। एक सप्ताह पहले कटरा में पांच मौतें। कारण जहरीली शराब। शुक्रवार देर रात तीन मौतें। कई बीमार। तीन मृतकों में से दो के स्वजनों ने स्पष्ट रूप से पुलिस को मौत का कारण शराब को बताया। पुलिस और प्रशासन मामले की जांच कर रही है। मगर शनिवार को विशनपुर गिद्धा में तिरहुत नहर के किनारे जिस तरह से करीब आधा किलोमीटर क्षेत्र में जमीन में दबाकर मिलावटी शराब मिली वह बड़े खतरे का संकेत है। अगर स्थिति नहीं संभली तो जिले में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

ग्रामीणों का आरोप, पुलिस के संरक्षण में बिकती शराब

जहरीली शराब की मौत की आशंका पर जांच के लिए पहुंचे एएसपी पश्चिमी सैयद इमरान मसूद ने विशनपुर गिद्धा में कई जगहों पर छापेमारी करवाई। नहर के किनारे दर्जनों डिब्बे में देसी शराब मिली। उसे वहीं नष्ट कर दिया गया। शराब बनाने के इस्तेमाल में आने वाला केमिकल भी एक डिब्बे में मिला। इस दौरान वहां ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस की गाड़ी यहां हमेशा आती। मगर कभी शराब जब्त नहीं होती। शराब माफियाओं की हिम्मत भी इसकी गवाही दे रही है। गांव में शराब पीने से मौत की आशंका के बाद भी यहां से शराब नहीं हटाई गई थी। जबकि पास में ही मृत युवक गुड्डू साह के शव की अंत्येष्टि की गई थी। लोगों का कहना था कि मेथुरापुर, आगानगर, मेहसी क्षेत्र से भी मिलावटी शराब लाई जाती है। मेथुरापुर में भारी मात्रा में शराब का निर्माण होता है।

इनपुट : जागरण

13 thoughts on “यह मुजफ्फरपुर है, पुलिस-शराब माफिया की मिलीभगत है और यंहा ‘मौत’ की PAWARI हो रही है”
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