Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में मारे गए कई लोगों के शवों की पहचान करने में दिक्कत हो रही है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले अखिलेश राय की इस हादसे में मौत हो गई। उसके पिता ने जब फोटो से जिस शव की पहचान की उस पर अब तक बिहार के अलग-अलग जिलों के तीन लोग अपना-अपना बेटा होना का दावा जता चुके हैं। ऐसे में ओडिशा के स्थानीय प्रशासन ने किसी भी परिवार को शव देने से इनकार कर दिया है। अब डीएनए टेस्ट से पता लगाया जाएगा कि आखिर यह शव किसका है।

सकरा (मुजफ्फरपुर) के चकुलिया गांव के राम गुलाम राय के पुत्र अखिलेश राय का शव लेने से पहले मां मंजू देवी को ओडिशा जाकर डीएनए जांच करानी होगी। प्रशासन ने मां और पिता की डीएनए जांच कराकर रिपोर्ट के आधार पर ही उसके असली हकदार को शव देने का फैसला किया है। इस जांच के लिए अखिलेश की विधवा मां मंजू देवी को ओडिशा के कलिंगा अस्पताल बुलाया गया है। मंजू देवी घर से ओडिशा के लिए निकल चुकी हैं। इधर, चार दिन से साले के शव की तलाश में ओडिशा में भटक रहे सोनू ने बताया कि यहां खाने-पीने और सोने तक की परेशानी झेलनी पड़ रही है।

ट्रेन हादसे के बाद मुआवजे के के लालच में लोग गैरों के शव को फर्जी दस्तावेज से हासिल करने में लगे हैं। ट्रेन हादसे में लापता अखिलेश राय के बहनोई सोनू राय ने कलिंगा अस्पताल से फोन पर बताया कि जब मामला प्रशासन की पकड़ में आया तो शव देने में जांच-पड़ताल का दायरा बढ़ा दिया गया है।

बताया गया कि एक स्थानीय महिला ने शव को देखने के बाद फोटो खींची और फर्जी आधार कार्ड तैयार कराकर शव को अपना बताकर रोते-बिलखते अस्पताल पहुंची, लेकिन शव देने से पहले भंडा फूट गया और पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया।

जिस शव को मंजय का समझा, उसे मधुबनी के लोग ले गए
सकरा की कटेसर पंचायत के रामनगरा गांव के बृजनंदन राय का पुत्र मंजय राय लापता है। जिस शव की पहचान भाई संजय राय ने मंजय के शव के रूप में की, उसपर मधुबनी के लोगों ने दावा कर दिया। परिजन सभी साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद शव को मधुबनी लेकर चले गए। लापता मंजय के भाई और पिता मंगलवार को ओडिशा से वापस लौटकर घर आ गए हैं।

Input : live hindustan

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