मुजफ्फरपुर, ग्रामीण क्षेत्र से जमीन के निबंधन के लिए आने-जाने के लिए चलने वाला दो शटल यान (बस) सोमवार को भी चार सौ किलोमीटर की यात्रा कर आया। पर इस पर कुढ़नी से एक शंभु साह ही आये। दूसरा कोई न आया और न गया। शंभु साह भी जमीन का निबंधन करने या कराने नहीं, बल्कि यह पूछने आये थे कि निबंधन के लिए अप्वाइंटमेंट कैसे लिया जाता है।

जिले में शटल यान योजना के तहत कुल 10 बसें चलायी जा रही हैं। प्रत्येक रजिस्ट्री कार्यालय के लिए दो बसों का परिचालन हो रहा है। मुजफ्फरपुर निबंधन कार्यालय की दो बसें प्रतिदिन बोचहां व कुढ़नी के बीच चलती हैं। दो बार जाना और दो बार आना। इसका कुल फेरा करीब चार सौ किलोमीटर का है। इस फेरे के लिए बस में कम से कम पांच हजार रुपये का डीजल खर्च होता है। इसके अलावा बस का भाड़ा, ड्राइवर व कंडक्टर का खर्च और इन सबके अलावा रजिस्ट्री कार्यालय के दो स्टाफ भी बस पर ड्यूटी देते हैं, लेकिन जो स्थिति सोमवार को दिखी, वही स्थिति पूरे डेढ़ माह से चली आ रही है।

निबंधन कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक मुजफ्फरपुर निबंधन कार्यालय के लिए बसों का परिचान 19 सितम्बर से लागू हुआ है और इस अविध में 35 लोगों ने भी शटल यान की सेवा नहीं ली है। वहीं मोतीपुर, सकरा, कटरा, पारू मिलाकर चलने वाली कुल 10 बसों से अब तक 77 लोगों ने यात्रा की है। कार्याय सूत्रों के मुताबिक इन बसों के परिचालन के लिए अभी दर भी तय नहीं है, लेकिन निर्णय लिया गया है कि बसों को उसी दर से भुगतान किया जाएगा, जो चुनाव आयोग चुनाव के लिए निर्धारित कर रखा है। इसके अलावा कर्मचारियों का भत्ता अलग से दिया जाएगा।

शटल यान से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या अभी कम है, इस सेवा के प्रति जागरुकता कम होने के कारण ऐसा है। जैसे-जैसे लोगों को जानकारी मिल रही है, यात्रियों की संख्या बढ़ रही है।

-राकेश कुमार, अवर निबंधक

Input : live hindustan

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *