मुजफ्फरपुर, जिलाधिकारी, सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में सोमवार कों AES को लेकर पहली बैठक संबंधित पदाधिकारियों के साथ किया गया, जिसमें बिन्दुवार समीक्षा हुई। विगत सालों में हुए केस को देखते हुए इस बार तैयारी करने का निदेश संबंधित पदाधिकारी को दिया गया। गौरतलब है कि पिछले वर्ष एक भी मृत्यु का केस नहीं था। गहन प्रचार-प्रसार और कुशल माॅनिटरिंग के चलते लगातार सुधार और जीरो डेथ की ओर जिला अग्रसर है।
जिला पदाधिकारी ने निदेश दिया की इस बार अभी से ही पंचायतों में डेडिकेटेड वाहनों को चिन्हित करने, उसके चालक का नाम चिन्हित करें और संबंधित माता-पिता, सेविका और आशा के मोबाईल में सेव कर दें ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में क्विक रिस्पाॅस के साथ मरीज को चिकित्सा केन्द्र पर ले जाया जा सके। आई.ई.सी. के तहत जन जागरूकता और प्रचार-प्रसार को सघन रूप से करने का निदेश दिया गया। होम विजिट के साथ बच्चों का सर्वे कर सूचीबद्ध करने का निदेश दिया गया। साथ ही जीविका, आई.सी.डी.एस. एवं अन्य स्तरों पर भी प्रशिक्षण देने की बात कही गयी। कन्ट्रोल रूम को एक्टिव करने का निदेश वैक्टरजनित पदाधिकारी डाॅक्टर सतीश को दिया गया।
बताते चलें कि विगत वर्ष पहली बार औराई प्रखण्ड में सबसे ज्यादा केस परिलक्षित हुए थें। हैण्डबील, होर्डिग, फ्लैक्स, एल.ई.डी. वाहन द्वारा प्रचार-प्रसार गत वर्ष की भांति इस बार भी कराने का निदेश दिया गया। एस.के.एम.सी.एच. और निजी हाॅस्पीटल को भी इस बावत पूर्ण तैयार रहने का निदेश दिया गया। महादलित टोलों में विकास मित्र तथा विद्यालयों में चेतना सत्र जीविका दीदी द्वारा अपने मीटिंग में चर्चा-परिचर्चा के द्वारा इसका गहन प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया गया। बैठक में उप विकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी, डाॅक्टर सतीश कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी दिनेश कुमार, डी.पी.ओ. आई.सी.डी.एस. चाॅदनी सिंह, एस.के.एम.सी.एच. तथा केजरीबाल हाॅस्पीटल के चिकित्सक, डी.पी.एम. रेहान असरफ सहित अन्य उपस्थित थें।
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