_परिवादी ने पाँच लाख रूपये का ठोका दावा!_
_परिवादी की ओर से मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा कर रहे हैं मामले की पैरवी!_
मुजफ्फरपुर – जिले के पारू थाना क्षेत्र के मथुरापुर डाक गाँव निवासी रोहित कुमार ने 20 नवम्बर 2019 को एक बुलेट मोटरसाइकिल स्थानीय एजेंसी गौतम मोटर्स, मानिकपुर, सरैया से नगद 1,36,073 (एक लाख छत्तीस हजार तिहत्तर) रूपये देकर ख़रीदा था, जिसका रसीद एजेंसी द्वारा परिवादी को दिया गया। मोटरसाइकिल एजेंसी द्वारा परिवादी को उक्त मोटरसाइकिल से सम्बंधित अन्य कोई कागजात नहीं दिया गया तथा बार – बार कागज के लिए एजेंसी का चक्कर लगाने पर एजेंसी द्वारा बताया गया कि उक्त मोटरसाइकिल को गलती से फाइनेंस कर दिया गया था, जिस कारण उसपर कुल 1,23,085.03 रूपये (एक लाख तेइस हजार पचासी रूपये तीन पैसे) का ऋण है।
एजेंसी ने पूर्व में ली गयी नगद राशि को लौटाने की बात कही, लेकिन आज तक एजेंसी द्वारा पूर्व में ली गयी नगद राशि नहीं लौटाई गयी है। परिवादी द्वारा लगातार एजेंसी का चक्कर लगाने के बावजूद आजतक मोटरसाइकिल का ऑनर बुक, बीमा के कागजात तथा रजिस्ट्रेशन नंबर परिवादी को उपलब्ध नहीं कराया गया है। साथ – ही – साथ परिवादी नगद राशि देकर मोटरसाइकिल खरीदने के बावजूद 3250 (तीन हजार दो सौ पचास) रूपये का किस्त भी अदा कर रहा है।
थक-हारकर परिवादी ने जिला उपभोक्ता आयोग में 1. प्रबंध निदेशक, गौतम मोटर्स, मानिकपुर, सरैया, 2. प्रबंध निदेशक, रॉयल एनफील्ड, 3. शाखा प्रबंधक, एल. एंड टी. फाइनेंसियल सर्विसेज लिमिटेड, 4. प्रबंध निदेशक, एल. एंड टी. फाइनेंसियल सर्विसेज लिमिटेड और 5. जिला परिवहन पदाधिकारी, मुजफ्फरपुर के विरुद्ध परिवाद दायर किया तथा पाँच लाख रूपये मुआवजे का भी दावा किया।
मामले की सुनवाई के पश्चात जिला उपभोक्ता आयोग ने पांचो विपक्षीगणों के विरुद्ध नोटिस जारी किया है। परिवादी की ओर से मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा मामले की पैरवी कर रहे हैं।
अधिवक्ता श्री झा ने बताया कि यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के सेवा में कमी की कोटि का मामला है। कारण कि ग्राहक को आजतक मोटरसाइकिल का रजिस्ट्रेशन नंबर, ऑनरबुक, बीमा के कागजात सहित अन्य आवश्यक कागजातों को उपलब्ध नहीं कराया गया है, जो एजेंसी की लापरवाही को स्पष्ट करता है। जिला उपभोक्ता आयोग ने मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त 2023 को निर्धारित की है।